कानपुर: शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल (लाला लाजपत राय अस्पताल) हैलट में अब तिल और मस्से की समस्या से जूझने वाले मरीजों के लिए अच्छी खबर है. अनचाहे मस्से से उनको कुछ मिनटों में ही निजात मिल जाएगी, वह भी बिना कोई पैसा खर्च किए. न तो ऑपरेशन का झंझट, न ही दाग की समस्या. यह सुविधा फिलहाल पूरे प्रदेश में सिर्फ कानपुर के इसी अस्पताल में ही मिल रही है. यह संभव हुआ है आई इलेक्ट्रोकार्टरी मशीन से. मरीज को किसी तरह का टांका भी नहीं लगाया जा रहा है. अस्पताल के चर्मरोग विभाग में इस मशीन के पहुंचने के बाद से ओपीडी में लगातार मरीजों की संख्या प्रतिदिन 50 से 100 के बीच पहुंच जा रही है. खास बात यह है ओपीडी का पर्चा बनवाने के लिए मरीज को सिर्फ 1 रुपये ही देने पड़ते हैं. इसके बाद किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लगता है.
जानिए कैसे काम करती है, इलेक्ट्रोकार्टरी मशीन: इस पूरे मामले पर चर्म रोग विभागाध्यक्ष डॉ. डीपी शिवहरे ने ईटीवी भारत संवाददाता से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रोकार्टरी मशीन से ही हम पहले भी मरीजों की सर्जरी करते थे, मगर, उसमें हमें चीरा और टांके की आवश्यकता पड़ती थी. मगर, अब जो मशीन का अपग्रेड वर्जन आया है, उसमें केवल 15 मिनट के अंदर ही हम मरीज के मस्से और तिल को हटा देते हैं. पहले सर्जरी के दौरान मस्से या तिल हटाने पर स्किन पर दाग दिखते थे. लेकिन, अब तो दाग भी नहीं दिखते थे. जो हल्का सा स्याह निशान आता है, वह दी जाने वाली दवाओं से पूरी तरह ठीक हो जाता है. उन्होंने बताया, इस मशीन का कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है. इसकी कीमत पांच लाख रुपये है.
बेटी को मिला इलाज तो खुश हो गई मां: अस्पताल में अपनी बच्ची का इलाज कराने पहुंचीं अमिता कुशवाहा ने बताया कि बेटी के होठों पर एक मस्से जैसा दाना निकल आया था. वे यहां आईं तो इलेक्ट्रोकार्टरी मशीन की जानकारी मिली. इसके बाद उन्होंने फौरन ही इलाज करा लिया. अब बेटी को कोई दिक्कत नहीं हैं. 15 मिनट के अंदर पूरी सर्जरी हो गई.
दो से तीन प्रतिशत मरीजों में ही दोबारा उभरते तिल और मस्से: चर्म रोग विभागाध्यक्ष डॉ. डीपी शिवहरे ने बताया कि दो से तीन प्रतिशत मरीज ऐसे हैं, जिनमें दोबारा तिल या मस्से उभरते हैं. उन्होंने बताया कि इसका मुख्य कारण स्किन इंफेक्शन होता है, जो कई वजहों के चलते हो सकता है. हालांकि ये भी कहा कि अब जो मशीनों से इलाज किया जा रहा है, उनमें दोबारा तिल या मस्से की दिक्कतें न के बराबर मिल रही हैं.