आजमगढ़ः कानपुर आईआईटी में आत्महत्या करने वाले पीएचडी छात्र अंकित यादव फूलपुर थाना क्षेत्र के उफरी गांव के रहने वाले थे. अंकित यादव के परिजनों ने कानपुर आईआईटी के प्रोफेसर पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है. केमिस्ट्री में शोध कर रहे अंकित यादव ने सोमवार को कैंपस स्थित हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या कर ली थी.
अंकित के पिता साइंटिस्टः बता दें कि अंकित यादव पिता रामसूरत यादव नोएडा में एक फार्मा कंपनी में सीनियर साइंटिस्ट हैं और वहीं अपने परिवार के साथ रहते हैं. अंकित की प्रारंभिक शिक्षा नोएडा और दिल्ली में हुई थी. परिजनों का कहना है कि अंकित बचपन से ही मेधावी थे और पीएचडी कर रहे थे. उनके छोटे भाई संचित बीटेक की पढ़ाई कर रहे हैं.
असिस्टेंट प्रोफेसर पर प्रताड़ित करने का आरोपः परिजनों ने आरोप लगाया कि कानपुर आईआईटी के असिस्टेंट प्रोफेसर अंकित को लगातार प्रताड़ित कर रहे थे, जिससे वे मानसिक तनाव में चल रहे थे. परिजनों ने दावा किया कि प्रोफेसर के व्यवहार के कारण 10-12 छात्र पहले भी यहां से कोर्स ड्रॉप कर चुके हैं. हालांकि, अभी तक पुलिस को इस संबंध में कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई है, जिसके कारण जांच आगे नहीं बढ़ पाई है.
खाने-पीने नहीं देता था और जलील करता रहता था प्रोफेसरः पिता ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, 'मेरा बेटा जिस प्रोफेसर के अंडर रिसर्च कर रहा था. वह लैब में खुद खाता था और बेटे को खाने नहीं देता था. पानी नहीं पीने देता था और जलील करता था. मेरा बेटा अपनी मां को पल-पल की अपडेट देता था, वो कहता था- मम्मी यह प्रोफेसर नहीं राक्षस है. सभी की जिंदगी हराम कर दी है. बेटा अंकित रोज अपनी मम्मी से मोबाइल पर बात करता और कहता कि आज भूखे पेट सो रहा हूं. मेरा बेटा 12 फरवरी को घर आने वाला था. प्रोफेसर ने उसकी लीव कैंसिल कर दी. बेटे को करियर बर्बाद करने की धमकी दी. उससे कहा था- तुम्हारे मम्मी-पापा को फंसा दूंगा. इसी डर से मेरे बेटे ने सुसाइड नोट में कुछ नहीं लिखा। प्रोफेसर ने ही मेरे बेटे की जान ली है.'
![अंकित के घर पर शोक जताते लोग.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/13-02-2025/23536045_azamgrah.jpg)
दोषियों पर कार्रवाई होने तक शांत नहीं बैठेंगेः पोस्टमार्टम के बाद परिजन अंकित शव लेकर घर लेकर गए. परिजनों का कहना है कि वे इस मामले को न्यायालय तक ले जाएंगे. अंकित के पिता ने कहा कि उनका बेटा हर परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करता था और आत्महत्या जैसा कदम उठाने की कल्पना भी नहीं की जा सकती. पिता का कहना है कि जब तक इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं होती और दोषियों पर कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक वे शांत नहीं बैठेंगे.
आईआईटी कानपुर के डीन ऑफ स्टूडेंट्स अफेयर प्रो. प्रतीक सेन ने बताया कि आईआईटी प्रशासन की ओर से उच्च स्तरीय कमेटी गठित है. कमेटी फरवरी अंत तक अपनी रिपोर्ट निदेशक को सौंपेगी. अगर परिजन किसी प्रोफेसर पर आरोप लगा रहे हैं, तो इसकी उन्हें जानकारी नहीं है.
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