नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने हाल ही में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लॉन्च की. इसे इस साल 1 अप्रैल को लागू किया जाएगा. इस स्कीम का मकसद रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को फाइनेंशियल सिक्योरिटी प्रोवाइड करना है.
सरकार के इस फैसले के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी. इस योजना में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) और नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) दोनों के फायदे मिलते हैं.
UPS स्कीम के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन मिलेगी, जिससे उन्हें कोई फाइनेंशियल परेशानी नहीं होगी. इस स्कीम के लिए जरूरी है कर्मचारी ने कम से कम 25 साल सर्विस की हो.
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के फायदे
इस स्कीम के अंतर्गत जिन कर्मचारियों ने 10 साल से ज्यादा और 25 साल से कम सर्विस की है, उन्हें आनुपातिक पेंशन का फायदा मिलेगा.यूनिफाइड पेंशन स्कीम केंद्र सरकार के कर्मचारियों गारंटेड पेंशन का वादा करती है.
न्यूनतम 10 हजार रुपये की पेंशन
यूपीएस कम से कम 10 साल की सर्विस के बाद रिटायर होने वाले कर्मचारियों को न्यूनतम 10 हजार रुपये प्रति माह पेंशन की गारंटी देती है. इतना ही नहीं अगर किसी कर्मचारी की मौत हो जाती है तो इस स्थिति में पेंशन राशि का 60 प्रतिशत उसके परिवार को फैमिली पेंशन के रूप में दी जाएगी.
इतना ही नहीं यह योजना सुनिश्चित करती है कि कर्मचारी रिटायर्मेंट के बाद वित्तीय रूप से सुरक्षित रहें. यह योजना केंद्र सरकार के उन कर्मचारियों पर लागू होती है जो नेशनल पेंशन सिस्टम के अंतर्गत आते हैं. इसके लिए कर्मचारियों को NPS फ्रेमवर्क के तहत UPS का ऑप्शन चुनना होता है.
UPS और NPS में अंतर
यूनिफाइड पेंशन स्कीम, नेशनल पेंशन सिस्टम के अलग है. जहां यूपीएस रिटायरमंट के बाद एक निश्चित पेंशन की गारंटी देती है, वहीं, एनपीएस मार्केट से जुड़े रिटर्न पर बेस्ड है. ऐसे में यूपीएस उन कर्मचारियों के लिए एक बेहतर ऑप्शन साबित हो सकता है, जो रिटायरमेंट के बाद स्थिर इनकम चाहते हैं.