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जीएसवीएम के स्टेम सेल रिसर्च की अमेरिकी कांन्फ्रेंस में होगी चर्चा; टॉप 10 में शामिल शोध पत्र, अप्रैल में इंटर्न छात्र करेगा पेश - GSVMS STEM CELL RESEARCH

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के स्टेम सेल शोध को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है. अमेरिकन में होने वाले कॉन्फ्रेंस में इसे प्रस्तुत किया जाएगा।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज का रिसर्च पेपर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेश किया जाएगा.
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज का रिसर्च पेपर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेश किया जाएगा. ((Photo Credit; ETV Bharat))
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 13, 2025, 5:36 PM IST

कानपुर : जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में फैट ड्राइव्ड स्टेम सेल (शरीर की छोटी कोशिकाएं) विधि से अभी तक हजारों मरीजों का इलाज किया गया है. अब इस विषय पर आधारित शोध को पहली बार वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल गई है.

अप्रैल में लॉस एंजिल्स स्थित अमेरिकन कॉलेज आफ फिजिशियंस की अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में इस शोध पत्र को प्रस्तुत किया जाएगा. इस कांफ्रेंस के लिए दुनियाभर से 1000 शोध पत्रों को शामिल किया गया था। उनमें से टॉप-10 शोध पत्र में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की ओर से इंटर्न छात्र हिमांशु जिंदल शोध पत्र को प्रस्तुत करेंगे।

प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि अप्रैल में रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया जाएगा. ((Video Credit; ETV Bharat))

शोध पत्र टॉप 10 में शामिल

कॉलेज की इस उपलब्धि को लेकर प्राचार्य डॉ. संजय काला का कहना है कि वैश्विक स्तर पर पहली बार मेडिकल कॉलेज के किसी शोध पत्र को इतना सराहा गया और टॉप-10 कैटेगरी में उसे शामिल किया गया है.

डॉ. संजय काला ने बताया, इंटर्न छात्र हिमांशु जिंदल ने अभी तक 35 शोध पत्र लिखे हैं। शहर के एलएलआर अस्पताल में सर्जरी, न्यूरो, नेत्र रोग समेत अन्य विभागों में फैट ड्राइव्ड स्टेम सेल के प्रयोग से मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

स्टेम सेल से डायबिटीज के मरीजों का इलाज

प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया, स्टेम सेल विधि के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में तीन सालों तक शोध कार्य किया गया. शोध कार्य के बाद मरीज के पेट की चर्बी से ही स्टेम सेल बनाए गए और नए अंगों को मरीजों में विकसित किया गया. इससे मरीजों को आराम मिला. धीरे-धीरे सभी विभागों में स्टेम सेल विधि से इलाज कराएंगे.

चयन के आधार के ये थे प्रमुख बिंदु:

  • स्टेम सेल से इलाज के मामले में यह एडवांस स्टेज का शोध है.
  • डायबिटीज के इलाज में भी स्टेल सेल का प्रयोग किया गया है.
  • चीन और अमेरिका में यह अभी बहुत शुरुआती स्थिति में है.
  • स्टेम सेल के फायदे से मरीजों को बहुत जल्दी आराम मिल जाता है.

यह भी पढ़ें : हैलट के डॉक्टरों ने पहली बार बिना चीरा किया अग्नाशय की गांठ का इलाज - HALLETT HOSPITAL KANPUR

यह भी पढ़ें : मां बनने के बाद लाडले के विकास को लेकर प्रसूताएं गंभीर नहीं, कैंसर का हो सकती शिकार - Pregnant Women - PREGNANT WOMEN




कानपुर : जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में फैट ड्राइव्ड स्टेम सेल (शरीर की छोटी कोशिकाएं) विधि से अभी तक हजारों मरीजों का इलाज किया गया है. अब इस विषय पर आधारित शोध को पहली बार वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल गई है.

अप्रैल में लॉस एंजिल्स स्थित अमेरिकन कॉलेज आफ फिजिशियंस की अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में इस शोध पत्र को प्रस्तुत किया जाएगा. इस कांफ्रेंस के लिए दुनियाभर से 1000 शोध पत्रों को शामिल किया गया था। उनमें से टॉप-10 शोध पत्र में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की ओर से इंटर्न छात्र हिमांशु जिंदल शोध पत्र को प्रस्तुत करेंगे।

प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि अप्रैल में रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया जाएगा. ((Video Credit; ETV Bharat))

शोध पत्र टॉप 10 में शामिल

कॉलेज की इस उपलब्धि को लेकर प्राचार्य डॉ. संजय काला का कहना है कि वैश्विक स्तर पर पहली बार मेडिकल कॉलेज के किसी शोध पत्र को इतना सराहा गया और टॉप-10 कैटेगरी में उसे शामिल किया गया है.

डॉ. संजय काला ने बताया, इंटर्न छात्र हिमांशु जिंदल ने अभी तक 35 शोध पत्र लिखे हैं। शहर के एलएलआर अस्पताल में सर्जरी, न्यूरो, नेत्र रोग समेत अन्य विभागों में फैट ड्राइव्ड स्टेम सेल के प्रयोग से मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

स्टेम सेल से डायबिटीज के मरीजों का इलाज

प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया, स्टेम सेल विधि के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में तीन सालों तक शोध कार्य किया गया. शोध कार्य के बाद मरीज के पेट की चर्बी से ही स्टेम सेल बनाए गए और नए अंगों को मरीजों में विकसित किया गया. इससे मरीजों को आराम मिला. धीरे-धीरे सभी विभागों में स्टेम सेल विधि से इलाज कराएंगे.

चयन के आधार के ये थे प्रमुख बिंदु:

  • स्टेम सेल से इलाज के मामले में यह एडवांस स्टेज का शोध है.
  • डायबिटीज के इलाज में भी स्टेल सेल का प्रयोग किया गया है.
  • चीन और अमेरिका में यह अभी बहुत शुरुआती स्थिति में है.
  • स्टेम सेल के फायदे से मरीजों को बहुत जल्दी आराम मिल जाता है.

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