छिन्दवाड़ा। सरकार द्वारा गरीबों को लगातार पीएम आवास दिलाने के वादे किए जाते हैं. जबकि छिंदवाड़ा जिले में चार मुख्यमंत्री चार नगर निगम कमिश्नर आकर चले गए, लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान खरीदने वाले हितग्राहियों का सपना अभी भी अधूरा ही है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नगर निगम ने छत दिलाने का सपना दिखाया था, जो पिछले पांच साल अधूरा है.
5 साल पहले खरीद था मकान,अभी भी काम अधूरा
नगर निगम छिंदवाड़ा ने 2018 में इमलीखेड़ा परतला और खजरी इलाके में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राहियों को 31 लाख रुपए से लेकर 42 लाख रुपए में मकान बना कर देने के लिए बुकिंग की थी. 5 साल बीत जाने के बाद भी नगर निगम ने अब तक मकान हितग्राहियों को नहीं दिया है. फिलहाल हितग्राही अधिकारियों, मंत्रियों और मुख्यमंत्री से शिकायत कर परेशान हो चुके हैं. अभी तक तकरीबन पांच दर्जन से अधिक परिवारों को छत नहीं मिल पाई है.
नगर निगम ने लिया एडवांस, कर्ज चुकाकर परेशान हो रहे हितग्राही
आज भी ये परिवार भुगतान करने के बाद भी बैंक की किश्त अदा करने के साथ ही किराया देने को मजबूर है. दरअसल प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सोनपुर मल्टी के बाद आनंदम नगर, ईमलीखेड़ा, परतला और खजरी में भी लोगों को सस्ती दरों पर आवास उपलब्ध कराए गए हैं. 2018 में यह प्रोजेक्ट पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर शुरू किया गया था. जिसमें 31 लाख से लेकर 42 लाख रुपए की मोटी रकम देकर हितग्राहियों ने मकानों की बुकिंग कराई थी. एजेंसी नगर निगम ने 18 महीने में मकान कम्पलीट कर देने का वादा किया था. पांच साल गुजर जाने के बाद भी हितग्राहियों को मकान नहीं दे पाए हैं. इसमें 90 फीसदी ऐसे लोग हैं, जिन्होंने बैंक से लोन लेकर पैसा जमा कर दिया है.
इधर बैंक की किश्त भी अदा कर रहे हैं और किराए के मकान में रहकर किराया भी दे रहे हैं. हितग्राही दो बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, एक बार कमलनाथ से गुहार लगा चुके हैं. अब मोहन यादव से भी गुहार लगाने की तैयारी में हैं. कमिश्नर इच्छित गढ़पाले, हिमांशु सिंह, राहुल सिंह भी इस प्रजोक्ट को पूरा नहीं करा पाए. हरिप्रसाद शर्मा, आनंद राजपूत, अभिलाश गौहर का कहना है कि हम लोगों ने बैंक से लोन लेकर पैसा पूरा जमा कर दिया है. उसके बाद भी आज तक पैसा नहीं मिला है. खास बात यह है कि इस प्राजेक्ट में नेताओं और अधिकारियों ने भी मकान बुक कराए हैं. जिन्होंने अभी तक मकान की कीमत जमा नहीं की है.