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गजब! यहां एंबुलेंस से मरीजों को नहीं पौधों को ढोया जाता; अफसर बोले- लोडर नहीं है तो क्या करें - Plants Transported in Ambulance - PLANTS TRANSPORTED IN AMBULANCE

शनिवार की देर रात इसका वीडियो सामने आने के बाद मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने सफाई दी कि कॉलेज के पास कोई लोडर वाहन उपलब्ध नहीं था. पेड़ों को इधर से उधर करना था, इसलिए जल्दबाजी में ऐसा करना पड़ा.

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फिरोजाबाद में एंबुलेंस से ढोए गए पौधे. (Photo Credit; Viral Video Grab)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 21, 2024, 9:54 AM IST

फिरोजाबाद: जिस एम्बुलेंस को मरीजों की जिंदगी बचाने के काम में उपयोग में लाया जाता है, वही एंबुलेंस शनिवार को मेडिकल कॉलेज में पेड़-पौधों को ढोती नजर आई. इस दौरान यूपी सरकार की कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य भी मौजूद रहीं.

शनिवार की देर रात इसका वीडियो सामने आने के बाद मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने सफाई दी कि कॉलेज के पास कोई लोडर वाहन उपलब्ध नहीं था. पेड़ों को इधर से उधर करना था, इसलिए जल्दबाजी में ऐसा करना पड़ा.

फिरोजाबाद में एंबुलेंस से ढोए गए पौधे. (Video Credit; Social Media)

शनिवार को प्रदेश भर में 'एक पेड़ मां के नाम' कार्यक्रम आयोजित किया था. प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत पूरे राज्य के हर जिले में पौधरोपण कार्यक्रम भी हुए जिनमें प्रदेश सरकार द्वारा नामित मंत्री और नोडल ऑफिसर मौजूद रहे. हर जिले को लक्ष्य भी दिया गया था कि किस जिले में कितने पौधे रोपित किये जाने हैं. फिरोजाबाद जिले को 80 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य भी रखा गया था.

इस कार्यक्रम में यूपी सरकार की कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य भी मौजूद रहीं, जिन्होंने लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में पौधरोपण के साथ-साथ उनकी सुरक्षा का संकल्प भी दिलाया. पौधरोपण कार्यक्रम जिले में कई स्थानों पर आयोजित हुआ. इन सभी कार्यक्रमों में खास बात यह देखने को मिली कि फिरोजाबाद में पौधों को ढोने के लिए एम्बुलेंस का इस्तेमाल किया जा रहा था.

आम तौर पर एम्बुलेंस का उपयोग मरीजों को ट्रांसफर करने और उनकी जान बचाने में होता है लेकिन, शनिवार की देर शाम एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें मेडिकल कॉलेज में एम्बुलेंस पौधों को एक से दूसरे स्थान पर ले जाती नजर आई.

इस संबंध में जब मेडीकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नवीन जैन से बात की गई तो उनका कहना था कि मेडिकल कॉलेज के पास कोई लोडर वाहन नहीं था और पौधों को एक से दूसरे स्थान पर ले जाना था. इसलिए जल्दबाजी में एम्बुलेंस का उपयोग हो गया.

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