संभल : संभल के जिलाधिकारी डॉ राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि जिले में ASI संरक्षित जितनी भी इमारतें हैं, उनका चिन्हांकन कराया जाएगा. साथ ही पैमाइश कराने के बाद जिन लोगों ने अवैध अतिक्रमण कर रखा होगा उन्हें नोटिस दिया जाएगा, और उसके बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी. DM का साफ कहना है कि संभल को पर्यटन नगरी के तौर पर विकसित करना प्राथमिकता में शामिल है. संभल की सभी धार्मिक एवं ऐतिहासिक धरोहरों को कब्जा मुक्त कराने के लिए प्रशासन की कार्रवाई जारी रहेगी.
आपको बता दें कि संभल में 68 तीर्थ और 19 कूपों के अलावा, ASI संरक्षित 8 ऐतिहासिक इमारतें हैं. हालांकि तमाम ऐसी विरासतें हैं जिन पर समय के साथ लोगों ने अवैध अतिक्रमण अथवा कब्जा कर रखा है, लेकिन अब संभल जिला प्रशासन अवैध अतिक्रमण के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है. बीते वर्ष 14 दिसंबर को 46 साल से बंद कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट को खुलवाया. तो वहीं तमाम तीर्थ, कुएं और कूपों को संरक्षित कराने के साथ ही पाट दिए गए.
DM ने कहा भूमि पर अवैध कब्जे की जांच शुरू : कुएं और कूपों की खुदाई का काम भी शुरू कराया गया. इसके अलावा चंदौसी में रानी की बावड़ी पर किए गए अवैध अतिक्रमण को भी हटाने की कार्रवाई जारी है. संभल में कई ऐतिहासिक धरोहरों को कब्जा मुक्त कराने के लिए जिला प्रशासन काम कर रही है. हालांकि इस मामले में DM डॉ राजेंद्र पेंसिया ने संभल के ASI संरक्षित चंद्रेश्वर महादेव मंदिर की भूमि पर अवैध कब्जे को लेकर कहा कि उसकी जांच की जा रही है. उसे मौखिक तौर पर कहा गया था, लेकिन लिखित दस्तावेज के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल जांच चल रही है.
स्थानीय लोगों ने 80 बीघा जमीन बताई थी बाद में बताया गया की 26 से 30 बीघा जमीन होगी इसलिए दोनों चीजों की जांच की जा रही है जो सही पाया जाएगा उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी ASI को बोला गया है कि जो भारतीय पुरातत्व विभाग के संरक्षण में संपत्तियां हैं, उन पर किसी ने कब्जा कर रखा है उनके चिन्ह्यांकन को बोला गया है, राजस्व अभिलेखों को भी मंगाया गया है, और उन रिकॉर्ड्स के अनुसार चिन्हांकन कराया जाएगा, बाद में नोटिस देकर अतिक्रमण को दूर कराया जाएगा.
पिछले 5 महीने से चल रहा अतिक्रमण हटाओ अभियान : उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटाना एक सामान्य प्रक्रिया है. प्रशासन द्वारा लगातार अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है. पिछले 5 महीने से लगातार अभियान चल रहा है. विशेष रूप से किसी तालाब या तीर्थ स्थल पर अतिक्रमण किया गया है, तो उसे नोटिस देकर हटवाया जा रहा है. संभल जिले में ASI संरक्षित 8 स्थल हैं इनमें गुमथल खेड़ा, सरथल खेड़ा, बेरनी, फिरोजपुर किला, वर्तमान में विवादित स्थल (जामा मस्जिद), चंद्रेश्वर महादेव मंदिर और सौंधन का किला है. ASI के यह जितने भी स्मारक हैं उसके लिए चिन्हांकन के लिए कहा है उसी की पैमाइश कराकर उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
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