जयपुर. जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा रविवार को सुबह 4 बजे जयपुर शहर के परकोटा में दौरे पर निकले और उन्होंने अलग-अलग स्थानों का औचक निरीक्षण कर पेयजल आपूर्ति का जायजा लिया. डॉ. शर्मा ने मौजूदा जल कनेक्शन में लीकेज की जांच कर उन्हें रिपेयर करने एवं जलापूर्ति की निरंतर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए. निरीक्षण में उनके साथ मुख्य अभियंता (अर्बन) राकेश लुहाड़िया, अतिरिक्त मुख्य अभियंता अमिताभ शर्मा एवं अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता, सहायक और कनिष्ठ अभियंताओं की पूरी टीम थी.
शासन सचिव के निरीक्षण के बाद जागा विभाग :शासन सचिव सुमित शर्मा के निरीक्षण के बाद जलदाय विभाग के अधिकारी भी जागे. शर्मा के निरीक्षण के तत्काल बाद विभाग ने करवाई करते हुए कई स्थानों से बूस्टर जब्त किए गए और लीकेज रिपेयर का कार्य भी शुरू कर दिया गया. शर्मा ने कहा कि निरीक्षण में जो अधिकारी दोषी मिलेगा उनके खिलाफ कारवाई भी होगी. मुख्य जल वितरण पाइपलाइन से निकलने वाले सर्विस कनेक्शंस का पेयजल आपूर्ति के समय फील्ड अधिकारी नियमित रूप से निरीक्षण करेंगे, जिससे लीकेज सहित अन्य समस्या का तत्काल समाधान किया जा सके.
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अवैध बूस्टर के खिलाफ हो प्रभावी कार्रवाई :समित शर्मा ने कहा कि जलापूर्ति के समय अवैध रूप से बूस्टर का इस्तेमाल रोकने के लिए विभाग की ओर से प्रभावी कार्यवाही की जाएगी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन क्षेत्रों में अवैध बूस्टर लगे हुए पाए जाएं, उन बूस्टर को जब्त किया जाए. साथ ही पेनल्टी लगाकर संबंधित उपभोक्ता के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए. अगर उपभोक्ता फिर भी नहीं माने, तो संबंधित उपभोक्ता के नल कनेक्शन को डिस्कनेक्ट करने की आवश्यक कार्रवाई की जाए.
इन इलाकों में घूमे समित शर्मा :शासन सचिव समित शर्मा ने नाहरगढ़ रोड, गोविंद राव का रास्ता, बाबा हरिशचंद्र मार्ग, मिश्रा राव जी का रास्ता का निरीक्षण किया. उन्होंने मिश्रा राव जी के रास्ते में नगर निगम की ओर से सीवर कार्य के दौरान क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन पर नाराजगी जाहिर करते हुए नगर निगम के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर संयुक्त निरीक्षण करने के निर्देश दिए. इस दौरान दिल्ली रोड पर 17.9 किलोमीटर पाइपलाइन एवं भूजल विभाग के कैंपस में बन रहे जलाशय एवं पम्प हाऊस निर्माण का निरीक्षण किया. उन्होंने योजना के तहत कार्य पूर्ण कर 30 अप्रैल तक आम जन को पूर्ण रूप से लाभांवित करने के निर्देश दिए. उन्होंने परकोटा के विभिन्न क्षेत्रों में की जा रही पेयजल की आपूर्ति की समीक्षा की तथा परकोटे की सप्लाई को भूजल विभाग के कैंपस के कार्य के उपरान्त री-शेड्यूल करने के निर्देश दिए ताकि उपभोक्ताओं को सही समय पर उचित मात्रा में पेयजल उपलब्ध हो सके.
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अभियंता करेंगे पेयजल सप्लाई का निरीक्षण :शासन सचिव समित शर्मा ने कहा कि प्रदेश में पेयजल आपूर्ति के दौरान निरीक्षण किया जाना सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त मुख्य अभियंता सप्ताह में एक बार, अधीक्षण अभियंता सप्ताह में दो बार, अधिशासी अभियंता सप्ताह में तीन बार, सहायक अभियंता सप्ताह में चार बार और कनिष्ठ अभियंता सप्ताह में 6 बार आवश्यक रूप से पेयजल सप्लाई के समय निरीक्षण करेंगे और मौके पर फइटर, हेल्पर और वॉल मैन की सहायता से लीकेज को ठीक किया जाएगा. नियमित आपूर्ति गुणवत्ता एवं प्रेशर की जांच की जाए. साथ में अवैध कनेक्शन और बूस्टर के विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई की जाए, जिससे कि टेल ऐंड पर पानी पहुंच सके.
निरीक्षण के दौरान इन बातों का रखें विशेष ध्यान :शासन सचिव समित ने बताया कि सभी जगह सही दबाव के साथ पानी पहुंच रहा है, इसका ध्यान रखा जाए और गुणवत्ता के सैंपल लिए जाएं. कहीं कोई पाइपलाइन से लीकेज हो रहा है, तो तत्काल रिपेयर किया जाए. इसी तरह रिजिडुअल क्लोरीन टेस्ट सहित अवैध कनेक्शन एवं बूस्टर के खिलाफ सुधारात्मक कार्रवाई की जाए. पेयजल के समय जो लीकेज नजर आए उन्हें रिपेयर किया जाए. जल वितरण एवं गुणवत्ता संबंधी समस्याओं का निराकरण कर उपभोक्ताओं को राहत प्रदान की जाए.