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हाईकोर्ट में यति नरसिंहानंद के पोस्ट पर दर्ज प्राथमिकी के खिलाफ याचिका दाखिल - ALLAHABAD HIGH COURT

यति नरसिंहानंद सरस्वती ट्रस्ट की महासचिव उदिता त्यागी की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत.

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ति नरसिंहानंद सरस्वती ट्रस्ट की महासचिव उदिता त्यागी ने की शिकायत (Photo Credit- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 20, 2024, 10:30 PM IST

प्रयागराज: एएलटी न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने पिछले महीने गाजियाबाद पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. प्राथमिकी में उन पर विवादास्पद पुजारी यति नरसिंहानंद के एक सहयोगी की शिकायत के बाद धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है.

यति नरसिंहानंद सरस्वती ट्रस्ट की महासचिव उदिता त्यागी की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत में दावा किया गया है कि जुबैर ने नरसिंहानंद के एक पुराने कार्यक्रम की वीडियो क्लिप तीन अक्टूबर को मुसलमानों द्वारा हिंसा भड़काने के इरादे से पोस्ट की थी. यह भी आरोप लगाया गया है कि जुबैर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पुजारी की संपादित क्लिप पोस्ट की, जिसमें विवादास्पद पुजारी के खिलाफ कट्टरपंथी भावनाएं भड़काने के लिए पैगंबर मुहम्मद पर नरसिंहानंद की कथित भड़काऊ टिप्पणी थी.

अपने एक्स पोस्ट में उन्होंने नरसिंहानंद के कथित भाषण को अपमानजनक बताया था. जुबैर पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), धारा 228 (झूठे साक्ष्य गढ़ना), धारा 299 (धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य), धारा 356 (3) (मानहानि) और 351 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

जुबैर ने याचिका में प्राथमिकी रद्द करने और दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि उनके एक्स पोस्ट में यति के खिलाफ हिंसा का आह्वान नहीं किया गया है. याची ने केवल पुलिस अधिकारियों को नरसिंहानंद के कार्यों के बारे में सतर्क किया था और कानून के अनुसार कार्रवाई की मांग की थी. यह दो वर्गों के लोगों के बीच वैमनस्य या दुर्भावना को बढ़ावा देने जैसा नहीं हो सकता है.

याची ने बीएनएस के तहत मानहानि के प्रावधान को इस आधार पर चुनौती दी है कि नरसिंहानंद के खिलाफ अपने वीडियो साझा करके कार्रवाई की मांग करना, जो पहले से ही सार्वजनिक क्षेत्र में हैं, मानहानि नहीं हो सकती. याचिका में यह भी कहा गया है कि पैगंबर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के समय नरसिंहानंद एक अन्य हेट स्पीच मामले में जमानत पर थे, जहां उनकी जमानत की शर्त में कहा गया था कि वह ऐसा कोई बयान नहीं देंगे जो सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देता हो.

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