जोधपुर:प्रदेश के विमुक्त, घुमंतू और अर्ध-घुमंतू समाज ने सोमवार को जोधपुर में अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. समाज के नेताओं ने कहा कि यदि सरकार वंचित समाज के लिए कुछ नहीं करेगी तो समाज की ओर से इसकी योजनाओं का बहिष्कार किया जाएगा. इसे'बहिष्कार आंदोलन' का नाम दिया गया है. आंदोलन के तहत एक जुलाई को राजधानी जयपुर में पड़ाव डाला जाएगा.
यह प्रदर्शन डीएनटी संघर्ष समिति के तत्वावधान में किया गया. समिति के लालजी राईका ने चेतावनी दी कि सरकार ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो 1 जुलाई को जयपुर में महाआंदोलन के तहत पड़ाव होगा. उन्होंने बताया कि मौजूदा सरकार ने अभी कुछ पट्टे इस वर्ग को दिए हैं. ये पट्टे उन्हें दिए गए जो स्थायी रूप से रह रहे थे. इसके बाद वंचितों के लिए प्रकिया शुरू नहीं की गई, जबकि प्रदेश में इस समाज की जनसंख्या 1.38 करोड़ है. उन्होंने कहा कि हमें राजनीतिक रूप से कहीं पर पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है.
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समिति के सह संयोजक रतननाथ कालबेलिया ने बताया कि राजस्थान सरकार ने विमुक्त, घुमंतू और अर्ध-घुमंतू समाजों के लिए रेनके आयोग और इदाते आयोग की सिफ़ारिशों को लागू नहीं किया है. इन्हीं की रिपोर्ट के आधार पर संघर्ष समिति ने नौ मांगों का एक चार्टर बनाया है. इसमें दस प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. इसके साथ ही पंचायतों में भागीदारी, आवास और शिक्षा की विशेष व्यवस्था की मांग की गई है. राजस्थान में 51 जातियां विमुक्त और घुमंतू में आती हैं, जिसे समिति ने डीएनटी वर्ग बनाने की मांग की है. इसको लेकर प्रशासन को ज्ञापन दिया है.
एक जुलाई को जयपुर में होगा महाआंदोलन: लालजी राईका ने बताया कि इन समाजों ने राजस्थान सरकार को आजादी से लेकर अब तक पांच लाख करोड़ का टैक्स दिया है, लेकिन उसका दस प्रतिशत भी इन समाजों के विकास के खर्च नहीं किया गया. सरकार सुनवाई नहीं करती है तो समाज एक जुलाई को जयपुर में हजारों की संख्या में एकत्र होंगे. लगातार पड़ाव करके हमारी मांगें रखेंगे. लालजी ने बताया कि डीएनटी संघर्ष समिति अब इन सभी जातियों को संगठित कर रही है. उन्होंने कहा कि वंचित समाज ने एक राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ा है. इसे बहिष्कार आंदोलन नाम दिया गया है, यानी सरकार हमारे लिए कुछ नहीं करती तो हम उसकी नीतियों का बहिष्कार करेंगे.