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'वशिष्ठ जी ने उग्र तपस्या करके भगवती को चीन से लाया था', उग्रतारा मंदिर में भक्तों का तांता - Maa Ugratara Sthan - MAA UGRATARA STHAN

सहरसा का उग्रतारा मंदिर शक्ति स्थलों में से एक है. इस 700 साल पुराने मंदिर में देश-विदेश से श्रद्धालु पूजा करने आते हैं.

Ugratara Temple In Saharsa
सहरसा में उग्रतारा मंदिर (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 5, 2024, 1:32 PM IST

Updated : Oct 5, 2024, 1:47 PM IST

सहरसा: बिहार के सहरसा से 16 किलोमीटर दूर महिषी गांव में ग्रतारा मंदिर स्थित है, जो प्रसिद्ध शक्तिपीठ स्थलों में से एक है. यह मंदिर 700 साल पुराना बताया जाता है. इस मंदिर में हर मंगलवार के दिन श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ती है. वहीं, नवरात्रि के समय देश-विदेश से श्रद्धालु यहां माता के दर्शन करने आते हैं.

मां तारा पूरी करती हैं सभी मनोकामना: ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से कुछ मांगता हैं, मां तारा उसकी मनोकामना अवश्य पूरी करती हैं. मंदिर से पहले भगवती यहां पीपल के वृक्ष के नीचे मौजूद थीं. मंदिर के पुजारी प्रमोद कुमार खां बताते हैं कि वशिष्ठता अराधिता उग्र तारा ये तारा पीठ में तारा हैं. वशिष्ठ ने उग्र तपस्या करके भगवती को चीन से बुलाया था. ये कहानी शास्त्रों में मिलती है, साथ ही यहां नील सरस्वती नदी अभी भी बह रही है.

मंगलवार को उमड़ती है श्रद्धालुओं की भीड़ (ETV Bharat)

कैसे विलीन हुई भगवती?: भगवती यहां आईं तो वशिष्ठ से उन्होंने तीन प्रतिज्ञा करवाई. आप में जब लोभ, अहम और ईर्ष्या आ जाएगी तो मैं विलीन हो जाऊंगी. ऐसा वचन देकर भगवती यहां आईं थीं. वशिष्ठ यहां दिनभर पूजा पाठ करके विश्राम करते थे. ऐसा हुआ कि कुछ ऋषि मुनियों की बाते सुनकर वशिष्ठ में ईर्ष्या आ गई. ईर्ष्या आने के बाद वशिष्ठ ऋषि मुनियों को कुछ कह दिया, जिसके बाद भगवती रात में ही विलीन हो गई.

सहरसा के उग्रतारा मंदिर की कहानी (ETV Bharat)

"वशिष्ठ यहां दिनभर पूजा-पाठ करते थे. अचानक एक दिन कुछ ऋषि मुनियों की बात सुनकर उन में ईर्ष्या आ गई. ईर्ष्या आने के बाद वशिष्ठ ऋषि ने मुनियों को कुछ कह दिया, जिसके बाद भगवती वहां से चली गईं."-प्रेमकांत झा, मंदिर का पुजारी

सहरसा में शक्ति स्थल (ETV Bharat)

नवरात्र में होती है तंत्र साधना:महिषी स्थित मां उग्रतारा मंदिर में नवरात्र के समय लोग तंत्र साधना भी करते हैं. नवमी तिथि पर दर्जनों भैंसों और सैकड़ों बकड़ों की बलि दी जाती है. वहीं बिहार सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से भव्य उग्रतारा महोत्सव का भी आयोजन किया जाता है.

सहरसा में 700 साल पुराना मंदिर (ETV Bharat)

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Last Updated : Oct 5, 2024, 1:47 PM IST

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