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बिना बारिश के केदारनाथ हाईवे पर टूटी चट्टान, भारी भरकम बोल्डर आने से आवाजाही हुई बंद - KEDARNATH HIGHWAY ROCK FALL

केदारनाथ हाईवे पर बिना बारिश चट्टान टूटने से आवाजाही हुई बंद, मुनकटिया में हाईवे बंद होने से पैदल चलने को मजबूर हुए लोग

Rock broke on Kedarnath Highway
केदारनाथ हाईवे पर चट्टान टूटने से आवाजाही बंद (फोटो सोर्स- NH Department)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 6, 2024, 6:27 PM IST

रुद्रप्रयाग: केदारघाटी में बिना बारिश के ही पहाड़ टूट रहे हैं, जिस कारण हाईवे पर सफर करने वाले लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. इसी कड़ी में केदारनाथ हाईवे पर मुनकटिया के पास चट्टान टूट कर आ गिरा. जिससे हाईवे पर आवाजाही प्रभावित हो गई. वहीं, बिना बारिश के टूट रहे चट्टान से लोगों के मन भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

गौरीकुंड-मुनकटिया के बीच तोला पानी में भरभरा गिरी चट्टान:आज यानी 6 दिसंबर को सुबह के समय गौरीकुंड-मुनकटिया के बीच तोला पानी पर पहाड़ी से एकाएक चट्टान टूट जाने से भारी मात्रा में पत्थर और बोल्डर आ गए. जिससे राजमार्ग आवाजाही के लिए बंद हो गया. ऐसे में लोगों को पैदल चलने के लिए मजबूर होना पड़ा.

एनएच विभाग की मशीनें देरी से पहुंचने और मलबा हटाने में समय लगने के कारण लोगों को घंटों तक जाम खुलने का इंतजार करना पड़ा. जबकि, कई लोग पैदल ही अपने गंतव्यों के लिए रवाना हुए. वहीं, खबर लिखे जाने तक हाईवे नहीं खुल पाया है.

गौरीकुंड व्यापार संघ अध्यक्ष रामचंद्र गोस्वामी ने बताया तोला पानी के पास एकाएक चट्टान टूट जाने राजमार्ग बाधित हो गया. इन दिनों गांव में श्रीमद भागवत कथा का आयोजन हो रहा है, जिसमें बड़ी तादाद में प्रवासी ग्रामीण और केदारघाटी के विभिन्न गांवों से ग्रामीण पहुंच रहे हैं.

वहीं, बिना बारिश के पहाड़ी टूटने से ग्रामीण जनता खासी परेशान हो रही है. उन्होंने बताया कि एनएच विभाग की मशीनें राजमार्ग पर तैनात नहीं है, जिस कारण राजमार्ग को खोलने में देर शाम का समय लग गया. ऐसे में आवागमन करने वाले लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा.

केदारघाटी में पड़ रही सूखी ठंड:इन दिनों केदारघाटी समेत कई भी बारिश नहीं हो रही है. जबकि, लोगों को कोरी (सूखी) ठंड का सामना करना पड़ रहा है. कोरी ठंड के कारण शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग खासे परेशान हैं.

जहां प्राकृतिक स्त्रोत सूख रहे हैं तो वहीं गाड़-गदेरों में भी पानी कम होने लगा है. कई इलाकों में पेयजल का संकट भी बना हुआ है. जबकि, खेती भी प्रभावित हो रही है. इसके अलावा अब बिना बारिश के चट्टान भी टूट रहे हैं.

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