चुनाव में फिर उठी गाय को 'राष्ट्रमाता' का दर्जा देने की मांग हरिद्वार:लोकसभा चुनाव 2024 से पहले गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की मांग फिर जोर पकड़ने लगी है. हरिद्वार में अखंड परशुराम अखाड़े के कार्यकर्ताओं ने महाराजा अग्रसेन घाट पर गंगा पूजन किया. साथ ही केंद्र सरकार से गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की अपील भी की.
बता दें कि ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने गौमाता यानी गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की मांग को लेकर यात्रा की शुरुआत भी की है. उनके समर्थन में अखंड परशुराम अखाड़े के कार्यकर्ताओं ने भी सरकार के सामने अपनी आवाज को बुलंद किया है.
अखंड परशुराम अखाड़े से जुड़े लोगों की अपील अखंड परशुराम अखाड़ा के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि गाय सनातन संस्कृति का आधार और पहचान है. गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दिया जाना आवश्यक है. उन्होंने साफ तौर से ये भी कहा कि लोकसभा चुनाव में वो वोट मांगने वाले प्रत्याशियों से भी अपील करेंगे कि सांसद बनकर सदन में गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की आवाज को उठाएं.
पंडित अधीर कौशिक ने साफतौर पर कहा कि हिंदू समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए केंद्र सरकार को गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा देना चाहिए. गोवध रोकने के लिए कड़ा कानून बनाया जाए. उन्होंने कहा कि गोवध रोकने के लिए बना वर्तमान कानून बेहद लचीला है. जिससे गौवंश के वध और हत्या पर पूरी तरह रोक नहीं लग पा रही है.
गाय को 'राष्ट्रमाता' का दर्जा देने की मांग गोहत्या रोकने के लिए गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिया जाए और कड़ा कानून बनाया जाए. वहीं, भागवताचार्य पवन कृष्ण शास्त्री और आचार्य विष्णु प्रसाद ने कहा कि गाय के संरक्षण संवर्धन में सभी को सहयोग करना होगा. गौमाता को जनहित में राष्ट्रमाता का दर्जा दिया जाना चाहिए.
गौर हो कि तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार ने साल 2018 में गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की पैरवी की थी. बकायदा विधानसभा में यह बिल भी पास कर दिया गया. जिसके बाद इसे केंद्र के पास अप्रूवल के लिए भेजा गया, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया. इसके बाद कई मौकों पर गायों की मौत के मामले सामने आने पर राष्ट्रमाता का बिल पास करने पर सरकार की जमकर किरकिरी भी हुई.
ये भी पढ़ें-