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भूकंप आने से चंद सेकंड पहले अलर्ट करेगा भूदेव एप! उत्तराखंड में अर्ली वार्निंग सिस्टम पर जोर - EARTHQUAKE EARLY WARNING SYSTEM

आए दिन भूकंप से थर्रा रहा उत्तराखंड, आपदा विभाग ने तैयार भूदेव एप, भूदेव एप पर कुछ सेकंड पहले आ जाएगी भूकंप की चेतावनी

Earthquake Early Warning System
मोबाइल पर अलर्ट (फोटो सोर्स- ETV Bharat GFX/https://bhudev.uk)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 5, 2025, 9:55 PM IST

Updated : Feb 5, 2025, 10:11 PM IST

देहरादून: उत्तरकाशी जिले में जनवरी महीने में लगातार आए भूकंप के बाद अब आपदा विभाग भी अलर्ट हो गया है. आपदा विभाग की ओर से अर्ली वार्निंग सिस्टम पर जोर दिया जा रहा है. ताकि, भूकंप आने का पता लोगों को पहले ही लग सके और वो समय रहते सुरक्षित स्थान पर जा सके. इसी कड़ी में आपदा विभाग ने भूदेव एप (BhuDev) को विकसित किया है. वर्तमान समय में यह एप अभी सक्रिय नहीं है, लेकिन फरवरी महीने के अंत तक यह पूरी तरह से सक्रिय हो जाएगा. लिहाजा, मार्च महीने से आपदा विभाग की ओर से भूदेव एप को जान जनता पहुंचने के लिए पहल की जाएगी.

उत्तराखंड आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि उत्तराखंड राज्य भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है. पिछले महीने में उत्तरकाशी में कई बार भूकंप के झटके महसूस हुए हैं. आमतौर पर एक महीने में तीन से चार बार भूकंप आते हैं, जो छोटे भूकंप होते हैं. जिससे कोई खास खतरा नहीं होता है, लेकिन उत्तराखंड रीजन में काफी समय से कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है. जिसके चलते भूकंप आने की संभावना ज्यादा है. जिसको देखते हुए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई है. बैठक के दौरान भूकंप से बचाव संबंधित तमाम उपायों पर चर्चा किया गया है.

भूदेव एप को लेकर आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने दी अहम जानकारी (वीडियो- ETV Bharat)

आपदा सचिव ने कहा कि बैठक में भूकंप से बचाव को लेकर किस तरह से अर्ली वार्निंग सिस्टम डेवलप किया जाए, किस तरह से लोगों को भूकंप से होने वाले नुकसान से बचा जा सके, समेत तमाम विषयों पर चर्चा किया गया है. भूकंप की जानकारी के लिए तमाम जगहों पर सेंसर लगे हुए हैं. ऐसे में चर्चा किया गया है कि सेंसर की संख्या को बढ़ाया जाए. साथ जो सायरन लगे हुए हैं, उसकी व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने भूकंप के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम बनाया है. जिसके तहत भूदेव एप तैयार किया गया है.

Earthquake Early Warning System
एप से भूकंप का अलार्म (फोटो- ETV Bharat GFX)

भूदेव एप पर कुछ सेकंड पहले आ जाएगी भूकंप की चेतावनी: भूदेव एप से यह जानकारी मिल पाएगी कि अगर किसी जगह पर भूकंप आ रहा है तो उससे कुछ सेकंड पहले ही भूकंप आने की सूचना मिल जाएगी. जिससे लोगों को अलर्ट करके जान माल को बचाया जा सकेगा. साथ ही कहा कि अगर यह एप्लीकेशन लोगों के मोबाइल में होगा तो उन्हें भूकंप आने के कुछ सेकंड पहले ही भूकंप की जानकारी मिल जाएगी. भूकंप आने से पहले करीब 5 से 20 सेकंड तक का समय लोगों को अपने बचाव के लिए मिल जाएगा.

Earthquake Early Warning System
भूकंप की चिंता (फोटो- ETV Bharat GFX)

आपदा सचिव विनोद सुमन ने बताया कि भूकंप में दो तरह की वेब होती है. प्राइमरी वेव्स की स्पीड 6 से 7 किलोमीटर प्रति सेकंड की होती है. जबकि सेकेंडरी वेब की स्पीड 3 से 3.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की होती है. ऐसे में अगर किसी जगह पर भूकंप आता है तो प्राइमरी वेब सेंसर के पास सबसे पहले पहुंचेगी. ऐसे में जैसे ही यह वेब सेंसर के पास पहुंचेगी. तभी एप के जरिए सभी को अलर्ट पहुंच जाएगा कि भूकंप आने वाला है. ऐसे में जब तक सेकेंडरी वेब पहुंचेगी, तब तक लोगों को अपने बचाव के लिए 10 से 15 सेकंड का समय मिल जाएगा.

Uttarakhand State Disaster Management Authority
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कार्यालय (फोटो- ETV Bharat)

भूदेव एप पर तेजी से काम कर रहा आपदा विभाग: उन्होंने कहा कि भूकंप के अर्ली वार्निंग सिस्टम को लेकर आपदा विभाग भूदेव एप पर तेजी के साथ काम करेगा. ताकि, ज्यादा से ज्यादा लोग अपने स्मार्ट फोन में भूदेव एप डाउनलोड करें. ताकि, उन्हें भूकंप आने की सूचना कुछ समय पहले ही मिल जाए. वर्तमान समय में इस एप्लीकेशन में कुछ दिक्कतें आ रही हैं, जिसको ठीक किया जा रहा है. ऐसे में मार्च के पहले हफ्ते से भूदेव एप को काफी ज्यादा प्रचारित प्रसारित किया जाएगा. ताकि, ज्यादा से ज्यादा लोग इस एप्लीकेशन को अपने स्मार्टफोन में डाउनलोड करें.

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देहरादून: उत्तरकाशी जिले में जनवरी महीने में लगातार आए भूकंप के बाद अब आपदा विभाग भी अलर्ट हो गया है. आपदा विभाग की ओर से अर्ली वार्निंग सिस्टम पर जोर दिया जा रहा है. ताकि, भूकंप आने का पता लोगों को पहले ही लग सके और वो समय रहते सुरक्षित स्थान पर जा सके. इसी कड़ी में आपदा विभाग ने भूदेव एप (BhuDev) को विकसित किया है. वर्तमान समय में यह एप अभी सक्रिय नहीं है, लेकिन फरवरी महीने के अंत तक यह पूरी तरह से सक्रिय हो जाएगा. लिहाजा, मार्च महीने से आपदा विभाग की ओर से भूदेव एप को जान जनता पहुंचने के लिए पहल की जाएगी.

उत्तराखंड आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि उत्तराखंड राज्य भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है. पिछले महीने में उत्तरकाशी में कई बार भूकंप के झटके महसूस हुए हैं. आमतौर पर एक महीने में तीन से चार बार भूकंप आते हैं, जो छोटे भूकंप होते हैं. जिससे कोई खास खतरा नहीं होता है, लेकिन उत्तराखंड रीजन में काफी समय से कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है. जिसके चलते भूकंप आने की संभावना ज्यादा है. जिसको देखते हुए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई है. बैठक के दौरान भूकंप से बचाव संबंधित तमाम उपायों पर चर्चा किया गया है.

भूदेव एप को लेकर आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने दी अहम जानकारी (वीडियो- ETV Bharat)

आपदा सचिव ने कहा कि बैठक में भूकंप से बचाव को लेकर किस तरह से अर्ली वार्निंग सिस्टम डेवलप किया जाए, किस तरह से लोगों को भूकंप से होने वाले नुकसान से बचा जा सके, समेत तमाम विषयों पर चर्चा किया गया है. भूकंप की जानकारी के लिए तमाम जगहों पर सेंसर लगे हुए हैं. ऐसे में चर्चा किया गया है कि सेंसर की संख्या को बढ़ाया जाए. साथ जो सायरन लगे हुए हैं, उसकी व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने भूकंप के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम बनाया है. जिसके तहत भूदेव एप तैयार किया गया है.

Earthquake Early Warning System
एप से भूकंप का अलार्म (फोटो- ETV Bharat GFX)

भूदेव एप पर कुछ सेकंड पहले आ जाएगी भूकंप की चेतावनी: भूदेव एप से यह जानकारी मिल पाएगी कि अगर किसी जगह पर भूकंप आ रहा है तो उससे कुछ सेकंड पहले ही भूकंप आने की सूचना मिल जाएगी. जिससे लोगों को अलर्ट करके जान माल को बचाया जा सकेगा. साथ ही कहा कि अगर यह एप्लीकेशन लोगों के मोबाइल में होगा तो उन्हें भूकंप आने के कुछ सेकंड पहले ही भूकंप की जानकारी मिल जाएगी. भूकंप आने से पहले करीब 5 से 20 सेकंड तक का समय लोगों को अपने बचाव के लिए मिल जाएगा.

Earthquake Early Warning System
भूकंप की चिंता (फोटो- ETV Bharat GFX)

आपदा सचिव विनोद सुमन ने बताया कि भूकंप में दो तरह की वेब होती है. प्राइमरी वेव्स की स्पीड 6 से 7 किलोमीटर प्रति सेकंड की होती है. जबकि सेकेंडरी वेब की स्पीड 3 से 3.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की होती है. ऐसे में अगर किसी जगह पर भूकंप आता है तो प्राइमरी वेब सेंसर के पास सबसे पहले पहुंचेगी. ऐसे में जैसे ही यह वेब सेंसर के पास पहुंचेगी. तभी एप के जरिए सभी को अलर्ट पहुंच जाएगा कि भूकंप आने वाला है. ऐसे में जब तक सेकेंडरी वेब पहुंचेगी, तब तक लोगों को अपने बचाव के लिए 10 से 15 सेकंड का समय मिल जाएगा.

Uttarakhand State Disaster Management Authority
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कार्यालय (फोटो- ETV Bharat)

भूदेव एप पर तेजी से काम कर रहा आपदा विभाग: उन्होंने कहा कि भूकंप के अर्ली वार्निंग सिस्टम को लेकर आपदा विभाग भूदेव एप पर तेजी के साथ काम करेगा. ताकि, ज्यादा से ज्यादा लोग अपने स्मार्ट फोन में भूदेव एप डाउनलोड करें. ताकि, उन्हें भूकंप आने की सूचना कुछ समय पहले ही मिल जाए. वर्तमान समय में इस एप्लीकेशन में कुछ दिक्कतें आ रही हैं, जिसको ठीक किया जा रहा है. ऐसे में मार्च के पहले हफ्ते से भूदेव एप को काफी ज्यादा प्रचारित प्रसारित किया जाएगा. ताकि, ज्यादा से ज्यादा लोग इस एप्लीकेशन को अपने स्मार्टफोन में डाउनलोड करें.

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Last Updated : Feb 5, 2025, 10:11 PM IST
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