पटनाःबिहार की राजनीति में एक कन्हैया कुमार का भी नाम शामिल है जो जेएनयू की छात्र राजनीति से चर्चा में आए थे. इस बार कांग्रेस के टिकट पर बेगूसराय लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले थे लेकिन पार्टी की ओर से टिकट नहीं मिला. दरअसल, महागठबंधन दल में सीट शेयरिंग में बेगूसराय लोकसभा CPI के खाते में चली गई. कांग्रेस को बेगूसराय नहीं दिया है. इससे बेगूसराय जिले के बिहट गांव के लोगों में नाराजगी है.
लालू यादव और तेजस्वी यादव को बताया दोषीः कन्हैया कुमार के गांव के लोगों ने कहा कि टिकट नहीं मिलना सबसे बड़ा कारण लालू यादव और तेजस्वी यादव हैं. उनके कारण ही आज कन्हैया कुमार बेगूसराय से चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं. लोगों ने कहा कि यहां के चुनाव में विरोध करेंगे और भाजपा के उम्मीदवार गिरिराज सिंह को वोट नहीं देंगे.
कन्हैया कुमार बे टिकटः दरअसल, सीपीआई सीट शेयरिंग से पहले ही बेगूसराय से दावेदारी ठोक रही थी. अवधेश रॉय यहां को उम्मीदवार घोषित किया था. बाबजूद इसके यह कयास लगाया जा रहा था की कन्हैया कुमार कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ सकते है. सीट शेयरिंग के बाद बेगूसराय सीपीआई के खाते में ही गई. कन्हैया कुमार के बेटिकट होने की चर्चा शुरू हो चुकी है. हर कोई इसे अपने-अपने राजनीतिक चश्मे से देख रहा है.
लोगों में नाराजगीःलोग इसे लालू यादव और तेजस्वी की चाल बता रहे हैं. लोग बताते हैं कि अगर इस बार कन्हैया कुमार 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ते तो ना सिर्फ गिरिराज सिंह को कड़ी टक्कर देते बल्कि जितने की संभावना बन सकती थी. कन्हैया के गांव के लोगों को अंत तक उम्मीद थी की कांग्रेस से बेगूसराय लोकसभा का टिकट मिलेगा. लेकिन निराशा हाथ लगी इससे लोगों में नाराजगी है.
"कन्हैया कुमार को कांग्रेस द्वारा टिकट नहीं देना दुर्भाग्य की बात है. उसके जैसे जुझारू नेता की बेगूसराय को सख्त जरुरत थी. गिरिराज सिंह से जनता नाराज है. अगर इस वार कन्हैया कुमार को कांग्रेस के द्वारा टिकट दिया जाता तो कन्हैया कुमार की जीत सुनिश्चित थी."-मुकेश कुमार, स्थानीय, बिहट गांव