वैशाली: भोजपुरी स्टार पवन सिंह की चुनावी हार पर खेसारी लाल यादव ने अपने बयान से सबको चौंका दिया. खेसारी लाल ने कहा कि पवन सिंह में नेता बनने के गुण नहीं हैं, वह सिर्फ एक बेटा बनकर रहेंगे. खेसारी लाल का यह बयान पवन सिंह के समर्थकों के लिए हैरान करने वाला है, क्योंकि इसमें पवन सिंह की चुनावी समझ पर सवाल उठाए गए हैं. खेसारी लाल शुक्रवार 7 जून को अपनी फिल्म 'रंग दे बसंती' के प्रमोशन के लिए हाजीपुर स्थित नेशनल सिनेमा हॉल पहुंचे थे. इस दौरान फिल्म के निर्माता रोशन सिंह और अभिनेत्री डायना खान भी मौजूद रहे.
पवन सिंह जीवन में नेता नहीं बनेंगेः खेसारी लाल यादव ने कहा कि पवन सिंह ने बेहतर लड़ा. लोगों का आशीर्वाद भी उनको मिला. वह एक नेता के तौर पर नहीं एक बेटा के तौर पर वहां गए थे. मुझे लगता है पवन सिंह जीवन में नेता नहीं बन पाएंगे. वह एक बेटा ही रहेंगे. नेताओं का गुण अलग होता है. उस आदमी के अंदर नेता का नहीं बेटा का गुण है. वह बेटा बनकर दुनिया समाज का सेवा करने वाले हैं. वह संगीत का आदमी है एक्टिंग के आदमी है और चुनाव लड़ रहे हैं. चुनाव की विधि अलग होती है. अगली बार वह बंपर वोट से जीतेंगे. जितना वोट से हारे उस डबल वोट से जीतेंगे.
बेटी ने कहा सर्वश्रेष्ठ फिल्मः फिल्म रंग दे बसंती को लेकर खेसारी लाल ने कहा कि मैं इस सिनेमा को अपनी बेटी के साथ देखा हूं. मैं अपनी बेटी के साथ जब देख रहा था तो मेरी बेटी ने कहा कि पापा आपके जीवन का आपने अब तक जो भी किया है उसमें यह सबसे श्रेष्ठ फिल्म है. आज के जनरेशन कि वह बच्ची है, बावजूद उसके मुंह से सुनकर अच्छा लगा. अपने बच्चों की नजर में मुझे यह कंप्लीमेंट मिल रहा है. मैं यही कहना चाहता हूं कि आप एक बार अपनी भाषा के लिए फिल्म देखिये. फिल्म थिएटर में और मल्टीप्लेक्स में भी लगी है. एक बार अपनी भाषा को बचाने के लिए सिनेमा हॉल में आइए.
मनोज तिवारी और रवि किशन से नाराजगीः एक सवाल के जवाब में खेसारी लाल यादव ने कहा कि हमें सब्सिडी नहीं चाहिए, हमें थिएटर चाहिए. उन्होंने रवि किशन और मनोज तिवारी का नाम लिए बिना कहा कि उन लोगों की जिम्मेदारी है. कहीं ना कहीं उन लोगों ने भोजपुरी के लिए आवाज नहीं उठाया, इस बात का दुख हमें भी है. भोजपुरी समाज ने उन्हें बड़ा नाम दिया है. वह क्षेत्र का विकास करने में लगे है, जबकि भोजपुरी भाषा ने सबको बनाया है. मैं यही चाहता हूं कि 1000 थिएटर यूपी में कर दीजिए और 1000 थिएटर बिहार में कर दीजिए 2000 थिएटर हो जाएगा. हम जीवन में इतने खुश हो जाएंगे कि 200 करोड़ कमा कर 400 करोड़ की फिल्म बनाने की क्षमता रखेंगे.