जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर की मुख्य पीठ के फैसले के साथ ही राज्य में बजरी खदानों की नीलामी की राह प्रशस्त हो गई है. कोर्ट ने बजरी नीलामी से जुड़ी पांच याचिकाओं पर राज्य सरकार के पक्ष में फैसला दिया और चार याचिकाएं खारिज कर दीं. वहीं एक याचिका पर दिए गए स्टे आदेश को भी निरस्त कर दिया है. राज्य सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता महावीर विश्नोई ने विभाग का पक्ष रखते हुए पैरवी की. याचिकाओं को निस्तारित करने से अब इन प्लॉटों की नीलामी की राह प्रशस्त हो गई है, वहीं नए सिरे से नीलामी होने से इन क्षेत्रों में बजरी का वैध खनन हो सकेगा. जिससे आमजन को उचित दर पर बजरी की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी, साथ ही बजरी के अवैध खनन पर भी लगाम कसी जा सकेगी.
इस बात पर हुआ विवाद: खान विभाग ने भीलवाड़ा क्षेत्र के प्लॉट नंबर 2, 5 और 6 में करीब 100 हैक्टेयर की बजरी खदानों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की थी, जिसमें अरावली रिसोर्सेज ने अधिकतम बोली लगाई. सफल नीलामी के बाद संबंधित बोलीदाता की तरफ से 15 दिन के भीतर 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को जमा करानी थी, लेकिन अरावली रिसोर्सेज ने 40 प्रतिशत राशि राजकोष में जमा कराने की जगह राज्य सरकार की ओर से नियमानुसार फोरफिट की गई राशि के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में वाद जारी कर दिया. जिससे बजरी नीलामी प्रक्रिया बाधित हो गई.