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सुविधाओं के अभाव में रेफर सेंटर बनकर रह गया जिला अस्पताल, जल्द अपने हाथों में लेगी सरकार - Health Services in Pauri

Pauri District Hospital तमाम अव्यवस्थाओं की शिकायत के बाद पौड़ी जिला अस्पताल को जल्द पीपीपी मोड से हटाकर सरकार अपने हाथों में लेगी. स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि जल्द इसको लेकर फैसला लिया जाएगा. वहीं हॉस्पिटल के सरकारी हाथों में लेने से स्थानीय लोगों में खुशी है.

Pauri District Hospital
पौड़ी जिला अस्पताल (फोटो-ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 22, 2024, 11:16 AM IST

Updated : Jun 22, 2024, 12:55 PM IST

पौड़ी जिला अस्पताल में सुविधाओं का अभाव (वीडियो-ईटीवी भारत)

श्रीनगर: मरीजों की लिए सिर्फ रेफर सेंटर बन चुके पौड़ी जिला अस्पताल को अब सरकार फिर से सरकारी हाथों में लेने जा रही है. बीते 3 सालों से जिला अस्पताल पीपीपी मोड पर महंत इंद्रेश अस्पताल द्वारा संचालित किया जा रहा था. स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि जनता से उन्हें बार बार पीपीपी मोड पर चल रहे अस्पताल की अव्यवस्थाओं की सूचनाएं मिल रही थी. जनता हर बार अस्पताल को पीपीपी मोड से हटाकर फिर से अस्पताल को सरकारी हाथों में लेने के लिये आग्रह कर रही थी. जिसके बाद वो जनता के हित को देखते हुए जल्द फैसला लेने जा रहे हैं.

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि जनता के हित में वो जल्द ही अस्पताल को पीपीपी मोड से हटाने के संबंध में जल्द फैसला लेंगे. जिसके बाद पूर्व की तरह अस्पताल में सरकारी डॉक्टर और सरकारी स्टाफ अपनी सेवाएं देंगे. धन सिंह रावत ने बताया कि जिस वक्त अस्पताल को पीपीपी मोड पर दिया गया था, उस वक्त डॉक्टरों की भारी कमी थी. लेकिन अब पहले जैसी स्थिति नहीं है, कई डॉक्टर तैयार हैं. इसलिए वो जल्द पीपीपी मोड से अस्पताल को हटाने में अपना निर्णय लेंगे. पीपीपी मोड में संचालित हो रहे अस्पताल की अव्यवस्थाओं के कारण मरीजों और परिजनों को अन्य अस्पतालों का रुख करना पड़ रहा था.

वहीं अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों को हर बार डॉक्टर हायर सेंटर रेफर कर देते हैं. इस फैसले का स्थानीय लोगों ने भी स्वागत किया है. स्थानीय निवासी कुलदीप कहते है कि स्थानीय लोग जब भी मरीजों को लेकर जिला अस्पताल जाते हैं तो वहां डॉक्टर मरीजों को रेफर कर देते हैं. ऐसे में अस्पताल मात्र रेफर सेंटर बन कर रह गया था. एक्सरे से लेकर सिटी स्कैन कराने तक मरीजों को दिक्कतें होती थी. लोगों को इमरजेंसी में देहरादून दिल्ली के लिए रेफर कर दिया जाता था. ऐसे में कई बार लोगों की रास्ते में ही मौत हो जाती थी. सरकार ने जो फैसला लिया है वो सही फैसला है.

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Last Updated : Jun 22, 2024, 12:55 PM IST

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