पटनाःआरजेडी का सियासी इतिहास इस बात का गवाह है कि पार्टी के प्रमुख पदों पर लालू प्रसाद के परिवार का ही कब्जा रहा है, लेकिन शुक्रवार को लीक से हटकर औरंगाबाद लोकसभा सीट से जीत दर्ज करनेवाले अभय कुशवाहा को आरजेडी संसदीय दल का नेता चुनकर पार्टी ने जहां ये संदेश दिया है कि लालू परिवार के अलावा भी पार्टी में किसी को बड़ा पद मिल सकता है तो इसे एक खास जाति को साधने की कोशिश भी माना जा रहा है.
आरजेडी का MYK कार्डःअभय कुशवाहा को आरजेडी संसदीय दल का नेता चुने जाने के साथ-साथ जहानाबाद से सांसद चुने गये सुरेंद्र प्रसाद यादव को लोकसभा में पार्टी का मुख्य सचेतक मनोनीत किया गया तो राज्यसभा में फैयाज अहमद को पार्टी को पार्टी का मुख्य सचेतक बना गया. फैयाज के पहले मीसा भारती मुख्य सचेतक थीं जो अब लोकसभा सांसद बन चुकी हैं.
6 फीसदी कुशवाहा वोट बैंक पर नजरःलालू के MY समीकरण से तो सभी परिचित हैं और लोग ये भी जानते हैं कि इस MY समीकरण के दम पर लालू प्रसाद ने सालों तक बिहार की सियासत में एकतरफा राज किया. हालांकि पिछले कुछ चुनावों में ये देखने को मिला है कि लालू का ये तिलिस्म अब कमजोर पड़ने लगा है. ऐसे में अब आरजेडी की नजर 6 फीसदी कुशवाहा वोट बैंक पर है और अभय कुशवाहा को संसदीय दल का नेता चुना जाना इसी अहम रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.
लोकसभा चुनाव में दिखे नये संकेत !: लोकसभा चुनाव के बाद अब सभी सियासी दलों की नजर 2025 में होनेवाले बिहार विधानसभा चुनाव पर है. लोकसभा चुनाव में भले ही आरजेडी को 4 सीट ही आई हों लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि इस बार के लोकसभा चुनाव में आरजेडी MY समीकरण से अलग समीकरण बनाने में सफल होता दिखा है. खासकर कुशवाहा जाति इस बार आरजेडी के साथ जुड़ती दिखी.
महागठबंधन ने 7 कुशवाहा उम्मीदवारों को उताराः 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन के कुशवाहा जाति को तरजीह देते हुए इस जाति से 7 प्रत्याशी लोकसभा चुनाव में उतारे, जिनमें अभय कुशवाहा औरंगाबाद से और राजा राम सिंह काराकाट से जीतने में सफल भी रहे.
बीजेपी से छिटके कुशवाहा वोटर्सःबीजेपी ने कुशवाहा जाति को लुभाने के लिए सम्राट चौधरी को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष तो बना दिया लेकिन लोकसभा चुनाव में सम्राट चौधरी अपनी जाति से एक भी कैंडिडेट दे पाने में सफल नहीं रहे. इतना ही नहीं काराकाट में उपेंद्र कुशवाहा की हार से भी कुशवाहा बीजेपी से नाराज नजर आ रहे हैं.
2025 में आरजेडी की बिहार जीत की रणनीति !: बिहार की सियासत में जिस तेजी से कुशवाहा जाति आरजेडी के साथ जुड़ती दिख रही है उससे आरजेडी के रणनीतिकारों की बांछें खिल गयी हैं. ऐसे में आरजेडी हर हालत में कुशवाहा जाति को पार्टी से जोड़कर रखना चाहती है और अभय कुशवाहा का लोकसभा में आरजेडी संसदीय दल का नेता चुना जाना इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.