पटना:बिहार का प्रसिद्ध पटना महावीर मंदिर न्याय समिति के सचिव किशोर कुणाल का निधन हो गया है. पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल आचार्य किशोर कुणाल राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य भी थे. रविवार की सुबह हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया है.
कार्डियक अरेस्ट से निधन: 74 साल के किशोर कुणाल को रविवार की सुबह कार्डियक अरेस्ट हुआ. उन्हें तुरंत महावीर वत्सला अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका निधन हो गया. निधन के बाद बिहार के नेताओं ने शोक जताया. सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने अपने सोशल मीडिया के माध्यम से शोक जताया.
नेताओं ने जताया शोक: इसके साथ ही पटना साहिब सांसद रविशंकर प्रसाद, पशुपति पारस, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, मंगल पांडे, शाहनवाज हुसैन ललन सिंह, जीतन राम मांझी, चिराग पासवान आदि ने किशोर कुणाल के निधन पर शोक जताया.
किशोर कुणा का पैतृक गांव: किशोर कुणाल मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर के बरुराज के रहने वाले थे. इनका जन्म 10 अगस्त 1950 में हुआ था. स्कूली शिक्षा मुजफ्फरपुर जिले के बरुराज में हुई. इसके बाद पटना विश्वविद्यालय में इतिहास और संस्कृत का अध्ययन किया. 1970 में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. बाद में मास्टर डिग्री के लिए भी अध्ययन किया.
1972 में आईपीएस बने: 1972 में किशोर कुणाल ने भारतीय पुलिस सेवा की परीक्षा पास की. 1972 में गुजरात कैडर के लिए चयन हुआ. उनकी पहली पोस्टिंग आनंद(गुजरात) में पुलिस अधीक्षक के रूप में हुई. 1978 तक वे अहमदाबाद के पुलिस उपायुक्त बन गए.
बिहार में भी सेवा दिए: गुजरात कैडर के बाद किशोर कुणाल बिहार कैडर में भी अपना योगदान दिए. 1983 किशोर कुणाल को पटना में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया. 2001 में वॉलंटरी रिटायरमेंट ले लिया. नौकरी से रिटायरमेंट के बाद 2000 ईस्वी में उन्हें दरभंगा स्थित कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया था. 2004 तक पद पर बने रहे.
धार्मिक न्यास ट्रस्ट से जुड़े: आईपीएस की नौकरी से इस्तीफा देने के बाद किशोर कुणाल बिहार राज्य धार्मिक न्यास ट्रस्ट से जुड़े. उन्होंने महावीर मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य 30 अक्टूबर 1983 को शुरू करवाया और इसका उद्घाटन 4 मार्च 1985 को हुआ. 2 वर्षों में मंदिर का स्वरूप बदला. धीरे-धीरे बिहार ही नहीं देश में भी सबसे ज्यादा चढ़ावा चढ़ाने वाले मंदिरों में शामिल हो गया. उसके बाद महावीर मंदिर ने अनेक संस्थाओं के निर्माण का जिम्मा उठाया जो समाज के हित से जुड़ा हुआ था.