पटनाःबिहार में आसमान अब आग उगलने लगा है और गर्मी परवान चढ़ने लगी है. ऐसे में राजधानी पटना में रहनेवाले लोग गर्मी में तपते तन-मन को ठंडक देने के लिए स्विमिंग पूलका रुख करने लगे हैं. लेकिन अफसोस कि पटना में आम लोगों के लिए एक भी स्टैंडर्ड स्विमिंग पूल नहीं है. ऐसे में स्विमिंग पूल में तैराकी करना खतरनाक हो सकता है.
तैराकी से पहले सावधानी जरूरीःराजधानी पटना में में कई सारे क्लब और स्टेडियम में स्विमिंग की ट्रेनिंग दी जा रही है, लेकिन स्विमिंग और स्विमिंग की ट्रेनिंग से पहले सावधानी जरूरी है नहीं तो अनहोनी हो सकती है.बीते दिनों महाराष्ट्र के लातूर के स्विमिंग पूल में डूबने से 16 साल के लड़के की मौत हो गयी थी. पिछले साल भागलपुर के सैंडिस कंपाउंड में भी ऐसी ही एक घटना हो चुकी है
IAS क्लब का स्विमिंग पूल एकमात्र स्टैंडर्ड पूलःईटीवी भारत से बातचीत के दौरान स्विमिंग कोच अविनाश कुमार बताते हैं कि "स्विमिंग पूल के मानक की बात करें तो पटना में एक भी ऐसा पूल नहीं है. सिर्फ IAS क्लब में ही एक स्विमिंग पूल है जो 50 मीटर लंबा, 25 मीटर चौड़ा और साढ़े 6 फीट की गहराई के साथ ओलिंपिक स्टैंडर्ड साइज वाला है. लेकिन एयरपोर्ट के पास बने इस स्विमिंग पूल में आम लोगों की एंट्री नहीं है."
हाफ ओलिपिंक साइज के पूल में सीखते हैं तैराकीःअविनाश कुमार ने बताया कि "बिहार राज्य खेल प्राधिकरण की तरफ से संचालित स्विमिंग पूल हाफ ओलिंपिक साइज के स्टैंडर्ड का है, जिसकी लंबाई 25 मीटर, चौड़ाई 11 मीटर और गहराई 10 फीट है. मोइनुल हक स्टेडिय में बने इस स्विमिंग पूल में ही बच्चे या स्पोर्ट्समैन स्विमिंग तो करते ही हैं, आम लोग भी यहां स्विमिंग सीखने और स्विमिंग करने आते हैं."
'प्रशिक्षित कोच की देखरेख में ही करें स्विमिंग': स्विमिंग कोच अविनाश कुमार का कहना है कि "प्रशिक्षित कोच की देखरेख में ही स्विमिंग करनी चाहिए.कोच के पास भारत सरकार या स्विमिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के NIS के कोर्स की डिग्री जरूरी है. वैसे तो बिहार में ऐसे कोच की संख्या काफी कम है लेकिन जो हैं वे काफी अनुभवी हैं और 25 से 30 सालों से ट्रेनिंग दे रहे हैं."