लातेहारः सड़क, आम लोगों की सबसे बुनियादी जरूरतों में से एक है. किसी घर, मोहल्ले या गांव को एक-दूसरे को जोड़ता है. जिंदगी दांव पर हो तो सड़क ही ऐसा साधन है, जिससे मरीज की जान बचाई जा सकती है. ऐसे में अगर किसी गांव में सड़क ही न हो तो उसका हाल समझा जा सकता है. बिना सड़क कुछ ऐसी ही समस्या से गुज रहे हैं लातेहार में बसेरिया गांव के लोग. जो आज भी मरीजों को ले जाने के लिए खाट, चारपाई या डोली जैसी देसी जुगाड़ का इस्तेमाल करते हैं और भरसक उनकी जान बचाने की कोशिश करते हैं.
सरकार एक ओर तो गांव-गांव तक पक्की सड़क निर्माण की बात कहती है पर लातेहार जिला के कई ऐसे इलाके हैं, जहां आज तक सड़क नहीं पहुंच पाई है. जिसका खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ता है. कुछ ऐसा ही मामला लातेहार के महुआडांड़ प्रखंड के बसेरिया गांव में देखने को मिला. यहां सड़क नहीं रहने के कारण एक बीमार महिला को सही समय पर अस्पताल नहीं ले जाया जा सका, जिस कारण उनकी मौत हो गई. परिजनों द्वारा चारपाई की डोली बनाकर महिला को पक्की सड़क तक लाया जा रहा था पर काफी देर हो गयी.
लातेहार के महुआडांड़ प्रखंड के दुरूप पंचायत अंतर्गत बसरिया गांव में रहने वाली शांति कुजूर नामक वृद्ध महिला सोमवार को मिट्टी में फिसल कर गिर गई थी. इससे महिला को काफी गंभीर चोट आई. गांव तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं बनने के कारण लिए घायल महिला को अस्पताल तक पहुंचाना परिजनों के लिए काफी मुश्किल हो गया. कुछ ग्रामीणों के साथ मिलकर घायल महिला के परिजनों ने चारपाई की डोली बनाई और घायल महिला को डोली में सुलाकर गांव से लगभग 3 किलोमीटर दूर स्थित पक्की सड़क तक ले जाने लगे.