पटना:बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के पार्टी कार्यालय का आवंटन लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नाम से कर दिया गया है. एक तरह से देखा जाए तोचिराग पासवानने अपने चाचा से अपना राजनीतिक बदला पूरा कर लिया है. कुछ दिन पहले पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में लोग जनशक्ति पार्टी के सांसदों के सम्मान समारोह चिराग पासवान में पारस की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि जिन लोगों ने उनके पांच सांसदों को तोड़ा था, 2024 में वह आज अकेले हैं और हमारी पार्टी के पास 5 सांसद हैं.
चाचा से भतीजे ने लिया बदला: चिराग ने कहा था कि जिस मंत्रालय की कुर्सी पर बैठकर वह घमंड कर रहे थे, आज उस कुर्सी पर चिराग पासवान बैठा हुआ है. वहीं, अब अंत में जिस लोजपा की पार्टी कार्यालय पर पशुपति कुमार पारस ने अपना अधिकार जमाया था, आखिरकार चिराग पासवान ने उसे अपने नाम करवा लिया. भवन निर्माण विभाग की तरफ से पत्र जारी कर दिया. एक व्हीलर रोड (शहीद पीर अली खान मार्ग) का आवंटन लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के नाम से विधिवत कर दिया गया.
पारस का पटना पार्टी कार्यालय चिराग के नाम:भवन निर्माण विभाग की तरफ से जो पत्र जारी किया गया है, उसमें कहा गया है कि 13 जून 2024 को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के कार्यालय का आवंटन रद्द कर दिया गया था. 4 जुलाई 2024 को लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के कार्यालय के लिए भवन निर्माण विभाग को एक आवेदन दिया गया था, जिसमें पार्टी कार्यालय के लिए जगह उपलब्ध करवाने की मांग की गई थी.
क्या कहा गया है पत्र में?:भवन निर्माण विभाग ने एक व्हीलर रोड शहीद पीर अली खान मार्ग का नया आवंटन चिराग पासवान की पार्टी को विधिवत कर दिया गया है. आवंटन के साथ भवन निर्माण विभाग ने कुछ शर्ते भी रखी है, जिसमें किसी भी तरह के नवनिर्माण के लिए भवन निर्माण के परमिशन की जरूरत होगी. तय किराया का 10 गुना अग्रिम भुगतान के रूप में पहले जमा करना होगा. पार्टी कार्यालय का बिजली बिल और अन्य खर्चा खुद पार्टी को उठाना होगा.
लोजपा के नाम से था आवंटन: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का प्रदेश कार्यालय पटना के 1 व्हीलर रोड में स्थित था. 2000 में रामविलास पासवान में लोजपा का गठन किया था. लोजपा कार्यालय का आवंटन साल पहले रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी के लिए किया गया था लेकिन रामविलास पासवान के निधन के बाद उनकी पार्टी में टूट हो गई. पशुपति कुमार पारस ने राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया. वह पटना स्थित कार्यालय को राज्य मुख्यालय बनाकर पार्टी का संचालन कर रहे थे.
पशुपति पारस के सामने सबसे बढ़ी चुनौती?:भवन निर्माण विभाग ने 13 जून को पशुपति कुमार पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के पार्टी कार्यालय का आवंटन रद्द कर दिया था. अब वही पार्टी कार्यालय चिराग पासवान की पार्टी के नाम आवंटित कर दिया गया है. अब पशुपति कुमार पारस के सामने सबसे बड़ी समस्या यह आ गई है कि उन्हें अब पार्टी संचालन करने के लिए नई जगह की तलाश करनी होगी.
पारस के लिए बुरा समय: साल 2024 पशुपति कुमार पारस के लिए अच्छा नहीं रहा है. पहले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को एनडीए गठबंधन ने एक भी सीट नहीं दी. फिर उनके समर्थक सांसद उनका साथ छोड़ गए. खुद पारस ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. एनडीए के साथ रहने के बावजूद अब उनका प्रदेश कार्यालय उनसे छीन लिया गया है.