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पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक नहर परियोजना से एमपी-राजस्थान में होगी खुशहाली, पानी बंटवारे पर समझौता

By PTI

Published : Jan 29, 2024, 10:57 AM IST

Updated : Jan 29, 2024, 11:33 AM IST

MP Rajasthan Water Sharing Agreement: मध्य प्रदेश ने पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक नहर परियोजना के लिए केंद्र सरकार व राजस्थान सरकार के साथ समझौता किया है. इस परियोजना से मध्यप्रदेश के मालवा और चंबल क्षेत्र में लगभग 3 लाख हेक्टेयर सिंचाई का रकबा बढ़ेगा.

MP Rajasthan water sharing project
मध्यप्रदेश व राजस्थान के बीच पानी बंटवारे पर समझौता

Parvati Kali Sindh Chambal Project: मध्य प्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच रविवार को 75,000 करोड़ रुपये की संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) पर त्रिपक्षीय समझौता हुआ. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की उपस्थिति में नई दिल्ली में समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद सीएम यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यह परियोजना आकार लेगी, जो करीब दो दशक से अटकी हुई थी. उन्होंने कहा कि इस परियोजना से मध्य प्रदेश के चंबल और मालवा क्षेत्र के 13 जिलों को फायदा मिलेगा.

एमपी के इन जिलों को फायदा

इस समझौते से मध्यप्रदेश के मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, भिंड और श्योपुर जैसे शुष्क बेल्ट जिलों में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी और इंदौर, उज्जैन, धार, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास और राजगढ़ जैसे औद्योगिक बेल्ट जिलों के औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा. यादव ने कहा कि प्रदेश के मालवा और चंबल क्षेत्र में लगभग 3 लाख हेक्टेयर सिंचाई का रकबा बढ़ेगा. इन क्षेत्रों के धार्मिक और पर्यटन केंद्र भी विकसित होंगे. यह परियोजना पश्चिमी एमपी के लिए एक वरदान होगी. सीएम ने कहा कि यह प्रोजेक्ट 5 साल से भी कम समय में पूरा होगा और इसकी मौजूदा लागत करीब 75,000 करोड़ रुपये है.

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डेढ़ करोड़ आबादी को लाभ

सीएम मोहन यादव ने कहा कि इस परियोजना से राज्य की लगभग 1.5 करोड़ आबादी को लाभ होगा. इस लिंक परियोजना में एमपी और राजस्थान में 5.6 लाख हेक्टेयर में सिंचाई के साथ-साथ पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों और एमपी के मालवा और चंबल क्षेत्र के 13 जिलों में पीने और औद्योगिक उपयोग के लिए पानी उपलब्ध कराने की परिकल्पना की गई है. बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल जी ने नदी जोड़ो अभियान प्रारंभ किया था. परिस्थितियों के बदलने से दोनों प्रांतों के हित में होने वाला यह निर्णय लंबित रहा है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अटल जी के समय वर्ष 2003 में योजना बनी और नदी जोड़ो अभियान चला. पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदियों का पानी का लाभ दोनों राज्यों को मिलना चाहिए.

Last Updated : Jan 29, 2024, 11:33 AM IST

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