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बनारस के पार्क दिए जाएंगे गोद; अब किया ऐसा काम तो भरना पड़ेगा भारी जुर्माना, पढ़िए डिटेल - VARANASI PARKS WILL ADOPTED

Varanasi's Parks Will be Adopted : पार्कों को मेंटेन रखने व साफ सुथरा रखने की जिम्मेदारी अब क्षेत्रीय लोगों, सामाजिक संस्थाओं और समितियों की होगी.

वाराणसी में पार्कों के लिए बनी योजना.
वाराणसी में पार्कों के लिए बनी योजना. (Photo Credit : ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 5, 2024, 1:02 PM IST

वाराणसी : शहर की आबोहवा को सुधारने के साथ ही गली-मोहल्ले व कॉलोनियों को सुंदर बनाने और लोगों को स्वस्थ रखने में पार्कों की बड़ी भूमिका होती है. हालांकि सरकारी उदासीनता और पार्कों के प्रति लोगों में जागरूकता न होने के कारण यह काॅन्सेप्ट बेमानी है. इसी स्थिति से निपटने के लिए वाराणसी नगर निगम खास योजना लेकर आया है. इसके तहत पार्कों की बदहाली के जिम्मेदार लोगों को ही पार्कों को मेंटेन करने से लेकर इनको साफ-सुथरा रखने की जिम्मेदारी दी जाएगी. साथ ही सामाजिक संस्थाओं और समितियों को भी जिम्मेदारी दी गई है. अन्यथा की स्थिति में पांच से लेकर 25 हजार तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

वाराणसी के पार्क गोद दिए जाएंगे. देखें खास खबर (Video Credit : ETV Bharat)

दरअसल वाराणसी शहर के पार्कों में हो रहे आयोजन और गलत इस्तेमाल को लेकर नगर निगम ने कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई है. पिछले दिनों दीपावली के समय में कई पार्कों में पटाखा बाजार लगने की वजह से पार्क बदहाली के शिकार हुए. इस पर नगर निगम ने पटाखा कारोबारियों से जुर्माना भी वसूला. इसके बाद शादी विवाह व अन्य आयोजन कराने वाले दो लोगों पर कार्रवाई भी की गई और जुर्माना राशि वसूली गई.

उद्यान अधीक्षक वीके सिंह का कहना है कि नगर निगम के जो भी पार्क हैं, उनको बेहतर करने की कार्रवाई चल रही है. सीएसआर फंड व अन्य मदों से पार्कों को बेहतर करने के लिए इनमें ओपेन जिम से लेकर कई काम करवाए जा रहे हैं. हालांकि बहुत से ऐसे पार्क हैं जो बदहाल स्थिति में हैं. कई पार्कों का इस्तेमाल लोग निजी तौर पर करने लगे हैं. जिसे रोकने के लिए नगर निगम अब 5000 से लेकर 25 हजार तक के जुर्माने की कार्रवाई शुरू कर रहा है. इसे लेकर शासनादेश भी आया है जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि वाराणसी समेत पूरे प्रदेश में माली और पार्कों की रख-रखाव करने वालों की बेहद कमी है. बनारस में भी लगभग 30 माली ही हैं, जबकि 177 पार्क संचालित हो रहे हैं. ऐसे में इन पार्कों का रखरखाव कैसे संभव होगा यह सोचने वाली बात है.

शासनादेश के मुताबिक इन सभी पार्कों के रखरखाव के लिए निजी संस्थानों, समितियां और रजिस्टर्ड संस्थाओं के साथ ही स्थानीय लोगों को लिखित तौर पर पार्क गोद देने की कवायद शुरू की गई है. अब तक लगभग 10 से ज्यादा पार्कों को गोद दिया जा चुका है और कुछ प्रक्रिया में हैं. इसके लिए पूरी जिम्मेदारी उन्हीं लोगों की होगी जिनको पार्क गोद दिया जाएगा. यहां माली रखने से लेकर साफ सफाई व अन्य सारी व्यवस्था करनी होगी, लेकिन किसी तरह के कोई आयोजन की अनुमति नहीं होगी.

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