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पाप मोचनी एकादशी शुक्रवार को, व्रत करने से मिलती है पापों से मुक्ति, जानिए महत्व - Papmochani Ekadashi

हिंदू धर्म पञ्चांग में एक वर्ष में कुल चौबीस एकादशी होती हैं और चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को पाप मोचनी एकादशी के रूप में जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार पापमोचनी एकादशी साल की अंतिम एकादशी होती है. साल में कुछ एकादशी का विशेष महत्व है, उनमें से पापमोचनी एकादशी भी एक है. भगवान विष्णु को सृष्टि का पालनहार कहा जाता है और हर एकादशी भगवान विष्णु की पूजा आराधना के लिए ही होती है.

Papmochani Ekadashi is on Friday, Fasting on this day gives freedom from sins
पापमोचनी एकादशी शुक्रवार को, व्रत करने से मिलती पापों से मुक्ति, जानिए महत्व

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 4, 2024, 10:07 AM IST

बीकानेर. हिंदू धर्म शास्त्रों में यूं तो हर तिथि का अपना महत्व है, लेकिन चैत्र माह की कृष्ण पक्ष में आने वाली पापमोचनी एकादशी का विशेष महत्व माना गया है. इस बार ये एकादशी पांच अप्रैल यानी शुक्रवार को आएगी. इस दिन श्रद्धालु उपवास रखेंगे.

पञ्चांगकर्ता पंडित राजेंद्र किराडू के अनुसार मान्यता है कि पाप मोचनी एकादशी का नियमपूर्वक पालन करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए. मान्यता है कि इस पापमोचनी एकादशी के व्रत को करने वाले को गाय के दान के बराबर पुण्य मिलता है. वैसे तो हर एकादशी का व्रत करते हुए सात्विक रहना चाहिए. व्रत नियम का पालन करना चाहिए. बताया गया है ​कि पापमोचनी एकादशी के दिन तामसिक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए. किसी भी व्रत का महत्व इंद्रियों पर नियंत्रण से जुड़ा है.

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इन नियमों का करें पालन: एकादशी के दिन पूरी तरह से सात्विक भोजन एक समय करना चाहिए. चावल नहीं खाना चाहिए. कटिंग, शेविंग और नाखून नहीं कटवाना चाहिए. भगवान विष्णु की पूजा आराधना एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में करें. व्रत का संकल्प लेकर पूजा की शुरुआत करें. भगवान विष्णु की पूजा करते हुए उनके मंत्र की माला का जप करना चाहिए. भगवान विष्णु को धूप, दीप, चंदन और फल आदि अर्पित करके आरती करनी चाहिए. एकादशी के दिन दान पुण्य का महत्व है इस दिन जरूरतमंद यथा योग्य दान करना चाहिए. एकादशी की रात्रि को हरिनाम सुमिरन करना चाहिए.

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