बाड़मेर: बाड़मेर निवासी बोथरा परिवार की आरती बोथरा सांसारिक जीवन को त्यागकर संयम के पथ को अंगीकार करने जा रही हैं. खास बात यह है कि वह परिवार में पहली सदस्य हैं जो दीक्षा ग्रहण करेंगी. इतना ही नहीं उनके परिवार का इससे पहले धर्म से कोई खास जुड़ाव नहीं रहा है. लेकिन आरती के इस कदम के बाद परिवार में धर्म के प्रति नई प्रेरणा का संचार किया है.
परिवार में धर्म के प्रति नई प्रेरणा का संचार किया: मुमुक्षु आरती बोथरा के अनुसार उनके पूरे परिवार में किसी भी सदस्य ने आज तक दीक्षा नहीं ली है. वह परिवार की पहली सदस्य हैं जो कि सांसारिक जीवन को छोड़कर दीक्षा लेंगी. वह बताती हैं कि उसके इस फैसले के बाद बाद घर परिवार के लोग धर्म से जुड़े हैं. जबकि इससे पहले वह धर्म के प्रति इतना जुड़ाव नहीं रखते थे. आरती ने बताया कि वह गुरुवर्या बहिन म.डॉ विद्युत्प्रभाश्रीजी म.सा की निश्रा में 16 फरवरी को दीक्षा ग्रहण करेंगी.
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1500 किमी कर चुकी हैं पैदल विहार यात्रा: आरती बताती हैं कि पंच प्रतिक्रमण, सप्तस्मरण, अट्ठाई, गणधर तप, उपधान आदि तप किए हैं. इसके साथ-साथ करीब 1500 किमी का विहार कर यात्रा भी की. आरती का कहना है कि इसके बाद निश्चित कर लिया था कि दीक्षा ही लेनी है. इसके बाद मम्मी-पापा से आज्ञा मिलने के बाद दीक्षा की राह आसान हुई.
शिक्षक बनने की चाह छोड़, संयम के पथ पर चलने को तैयार: मुमुक्षु आरती बोथरा ने बताया कि बीकॉम तक पढ़ाई कर चुकी हैं. बचपन से टीचर बनने की ख्वाहिश थी, लेकिन वर्ष 2018 में अचानक मन में वैराग्य का भाव आया और दीक्षा लेने की इच्छा हुई. इसके बाद करीब दो साल तक मारासा की निश्रा में ज्ञान और धर्म की शिक्षा ग्रहण की. दीक्षा के लिए घर वालों से अनुमति लेने के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ा. आखिरकार आरती अपने परिवार वालों को दीक्षा के लिए मनाने में कामयाब रहीं.