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उदयपुर में आदमखोर पैंथर, हमले में अब तक 6 लोगों की मौत, डर के साये में गुजर रहा हर एक दिन - Panther Attack in Udaipur

उदयपुर में पैंथर का आतंक बढ़ता जा रहा है. आदमखोर हो चुके पैंथर ने अब तक 6 लोगों का शिकार किया है. वन विभाग लगातार इस खूंखार पैंथर को पकड़ने के प्रयास में जुटा है. इलाके से अब तक 4 पैंथर को पकड़ा भी जा चुका है. इसी बीच आज पैंथर ने मंदिर के पुजारी पर हमला कर दिया और उन्हें मंदिर से घसीटकर जंगल में ले गया.

उदयपुर में आदमखोर पैंथर का आतंक
उदयपुर में आदमखोर पैंथर का आतंक (सांकेतिक फोटो)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 30, 2024, 5:30 PM IST

उदयपुर :यूपी में भेड़िए के आतंक के बाद अब राजस्थान के गोगुंदा इलाके में पैंथर का आतंक देखने को मिल रहा है. पिछले 10 दिन में इस इलाके में आदमखोर हो चुके एक पैंथर ने अब तक 6 लोगों को अपना शिकार बनाया है. ग्रामीण इलाकों में पैंथर के हमले के कारण अब लोगों में भय और डर का माहौल है. इन घटनाओं के बाद अब लोग अपने घरों से निकलने से कतरा रहे हैं. सोमवार को पैंथर ने सुबह मंदिर के एक पुजारी पर हमला कर दिया. पैंथर पुजारी को घसीटते हुए खेत में ले गया. इस हमले में उनकी मौत हो गई. हालांकि, अब तक वन विभाग ने इस इलाके में चार पैंथर को पिंजरे में कैद किया है, लेकिन अभी भी आदमखोर पैंथर वन विभाग की पकड़ से बाहर घूम रहा है. जानिए पैंथर ने एक के बाद एक 6 हमले कैसे किए.

चार पैंथर पकड़े गए, आदमखोर की तलाश :अब तक इस इलाके से वन विभाग ने चार पैंथर को पकड़कर पिंजरे में कैद किया है, लेकिन इसके बावजूद भी पैंथर के हमले लगातार जारी हैं. ऐसे में वन विभाग के सामने सवाल है कि आदमखोर पैंथर कौन है ?. उदयपुर डीएफओ अजय चित्तौड़ा ने बताया कि गोगुंदा के चार पैंथर अभी पकड़े जा चुके हैं, उन्हें उदयपुर के बायोलॉजिकल पार्क में वेटरनरी डॉक्टर की निगरानी में रखा गया है. चारों की बॉडी से सैंपल लिए गए हैं, जिन्हें जांच के लिए देहरादून स्थित लैब में भेजा गया है. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद ही पुष्टि हो पाएगी कि आखिर में किस पैंथर ने इंसानों का शिकार किया है. इसी बीच सोमवार को पुजारी पर पैंथर के हमले के बाद अब और माहौल गरमाता जा रहा है.

उदयपुर में आदमखोर पैंथर का आतंक (ETV Bharat udaipur)

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पिछले 10 दिनों में 6 मौत से ग्रामीणों में भय : पैंथर के लगातार हमले प्रशासन के लिए भी चुनौती बनते जा रहे हैं. इलाके में पिछले 10 दिनों में पैंथर के हमले में 6 मौत हो चुकी हैं. वहीं, प्रशासन ने अलग-अलग पिंजरे लगाकर अब तक चार पैंथर पिंजरे में कैद किए हैं. हमलों के बीच उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत भी ग्रामीण इलाकों में पहुंचे. सांसद रावत ने बताया कि पैंथर के हमले की काफी घटनाएं हुई हैं. यह चिंता का विषय है और सरकार के ध्यान में भी इस पूरे विषय को लाया गया है. सांसद ने कहा कि अभी भी गांव में खौफ और डर का माहौल है. इसके अलावा लोगों में असंतोष है. सांसद ने कहा कि वन विभाग को जल्दी इन इलाकों में पिंजरों की संख्या बढ़ानी पड़ेगी. इसके अलावा लोगों में जागरूकता बढ़ाने का काम किया जाएगा. सांसद ने कहा कि इस विषय पर भी बात की गई है कि पैंथर को कहां से भोजन मिलेगा. इस पूरे इकोसिस्टम को लेकर काम किया जाएगा. यहां पर कैसे हिरण और सांभर की संख्या बढ़ाई जाए, इसको लेकर मुख्यमंत्री और केंद्रीय वन मंत्री से भी बात की जाएगी.

परिजनों का रो रो कर बुरा हाल :दहशत भरे माहौल के बीच गोगुंदा का इलाका लगातार पैंथर के आतंक से गूंज रहा है. पिछले 10 दिन में 6 मौत के कारण घरों में कोहराम मचा हुआ है. पिछले दिनों 5 साल की मासूम बच्ची को पैंथर ने अपना शिकार बनाया. घटना के बाद अभी भी घर में मातम पसरा है. मां बिलखती है. एक मृतक के परिजन ने कहा कि बकरी चराने के लिए जंगल में गए थे, लेकिन पैंथर ने हमला कर दिया और उसकी मौत हो गई. पूरा परिवार उन्हीं के सहारे था. अब परिवार का भरण-पोषण करने वाला कोई नहीं है.

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ग्रामीण को मौत के घाट पैंथर में :19 सितंबर को पैंथर का आतंक का सिलसिला शुरू हुआ था. सुबह 8 बजे उंडीथल गांव की रहने वाली कमला का क्षत-विक्षत शव झाड़ियों में मिला. इसके बाद वन विभाग ने इस इलाके में पिंजरे लगवाए. इस घटना के बाद देर शाम को भेवड़िया गांव के खुमाराम गमेती को पैंथर ने अपना शिकार बना लिया. इसके बाद हमलों का सिलसिला बढ़ने लगा. 20 सितंबर सुबह 11 बजे मलारिया खुर्द गांव की महिला पर पैंथर ने हमला किया, लेकिन उसने भागकर अपनी जान बचा ली. इसी दिन पैंथर ने शाम 6:30 बजे उमरिया गांव की हमेरी भील को अपना शिकार बनाया.

इसके बाद पैंथर ने 25 सितंबर की शाम को 7 बजे मजावद ग्राम पंचायत के कुडाऊ गांव की भील बस्ती में 5 साल की बच्ची पर हमला कर दिया, जिससे मासूम की मौत हो गई. बच्ची अपनी मां के साथ तालाब किनारे खेल रही थी. इसी दौरान जंगल से अचानक पैंथर आया और बच्ची को उठाकर ले गया. उसके शरीर के अवशेष जंगल में मिले. इसके बाद 26 सितंबर को दोपहर 3 बजे झाड़ोल के सरणा फला में 50 साल के शंकर को पैंथर ने अपना शिकार बनाया. पैंथर के बढ़ते हमलों के बाद वन विभाग ने आर्मी की मदद ली. सेना के जवान क्षेत्र में पहुंचे और ड्रोन की मदद से लगातार पूरे जंगल के इलाके को सर्च किया, लेकिन पैंथर कहीं नजर नहीं आया. इसके बाद 28 सितंबर की रात करीब 9 बजे गुर्जरों का गुड़ा गांव की 55 साल की गटू बाई का शव घर से 300 मीटर दूर पहाड़ी पर क्षत- विक्षत मिला, यह पैंथर का अगला शिकार था. वहीं, सोमवार पैंथर नें उदयपुर में राठौड़ों का गुड़ा गांव में बजुर्ग पुजारी विष्णु पुरी को अपना अगला निवाला बनाया और उन्हें मंदिर से घसीटकर खेत में ले गया.

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समूह में निकलें, शिकार के बाद उस जगह एकत्रित ना हों :वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे इन दिनों आने-जाने में विशेष सावधानी बरतें. हो सके तब तक समूह में निकलें. अकेले आने-जाने से बचें, क्योंकि अब तक उस इलाके में पैंथर के हमले की जितनी भी घटनाएं हुई हैं, उनमें से अधिकांश मामलों में हमले का शिकार हुए लोग अकेले थे. वहीं, यदि किसी स्थान पर पैंथर हमले की घटना हो तो वहां एकत्रित ना हों. पैंथर फिर लौट कर आ सकता है और आक्रमण कर सकता है.

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