पन्रा।भारत में बाघों के दीदार के लिए मध्य प्रदेश सबसे सही जगह मानी जाती हैं. भारत में सबसे ज्यादा बाघ मध्य प्रदेश में ही पाए जाते हैं. यहां बाघों को संरक्षित करने के लिए कुल 6 टाइगर रिजर्व हैं. एमपी का पन्ना टाइगर रिजर्व देश-विदेश से आये पर्यटकों की पहली पसंद बन गया है. पर्यटकों की संख्या बढ़ने से पर्यटन विभाग की कमाई भी बढ़ी है. इस सीजन पन्ना टाइगर रिजर्व ने पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़कर रिकॉर्डतोड़ कमाई की है.
इस बार रिकॉर्ड तोड़ कमाई हुई
पन्ना टाइगर रिजर्व की फील्ड डायरेक्टर अंजना सुचिता तिर्की ने बताया कि, "पन्ना टाइगर रिजर्व को इस बार लगभग 6 करोड़ की कमाई हुई है. देशभर से लोग पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ देखने तो आते ही हैं लेकिन इस बार विदेशी पर्यटको की संख्या भी अच्छी खासी रही. इस बार 2 लाख के ज्यादा टूरिस्ट पन्ना टाइगर रिजर्व घुमने आए". आपको बता दें कि यह आंकड़ा 11 अक्टूबर 2023 से 30 मई 2024 तक का है. जिसमें पर्यटकों की अच्छी खासी संख्या के चलते रिकॉर्डतोड़ कमाई हुई है.
इस बार सबको दिखे बाघ
फील्ड डायरेक्टर अंजना सुचिता तिर्की ने बताया कि, "इस बार बाघ देखने आये पर्यटको को निराशा नहीं हुई और जिसने बाघ देखना चाहा सबको बाघ का दिदार हुआ. टाइगर रिजर्व के मंडल गेट पर P151 बाघिन के साथ बच्चों का भी दिदार हुआ. वहीं हिनौता गेट पर तो P652 के साथ बच्चों सहित पुरा कुनबा पर्यटकों को देखने को मिला था". इसके अलावा उन्होंने कहा कि, "पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ आसानी से देखने को मिल जाते हैं. इसी वजह से लोग यहां आना ज्यादा पसंद करते हैं".
कर्मचारियों की मेहनत रंग लाई
बता दें कि, पन्ना टाइगर रिजर्व 2010 में बाघविहीन हो गया था. 2010 के बाद यहां पर बाघ पुनर्स्थापना कार्यक्रम शुरू किया गया और आज पन्ना टाइगर रिजर्व में लगभग 70- 80 बाघ मौजूद हैं. फील्ड डायरेक्टर ने इसका श्रेय पन्ना टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों को दिया. उन्होंने कहा, "बाघों का कुनबा बढ़ना हमारे लिए बहुत खुशी की बात है. इन बाघों की वजह से जो कमाई हुई है उसका पूरा श्रेय टाइगर रिजर्व में काम कर रहे कर्मचारियों को जाता है. उनकी ही मेहनत से बाघ विहीन हो चुके इस रिजर्व में फिर से बाघ विचरण करने लगे हैं. कर्मचारी दिन रात वन्य प्राणियों की सुरक्षा में लगे रहते हैं".