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नए CEC की नियुक्ति पर कांग्रेस का निशाना, कहा- जल्दबाजी में लिया गया फैसला, SC की जांच से बचना चाहता है केंद्र - CONGRESS ON CEC APPOINTMENT

कांग्रेस नेता ने कहा कि बैठक में क्या हुआ है यह अगले 24 या 48 घंटे में पता चल जाएगा.

Congress On CEC Appointment
अभिषेक सिंघवी की फाइल फोटो. (PTI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 18, 2025, 7:08 AM IST

Updated : Feb 18, 2025, 7:20 AM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) के नाम तय करने वाली समिति की बैठक अगले एक-दो दिनों के लिए स्थगित करनी चाहिए थी, क्योंकि उच्चतम न्यायालय संबंधित कानून पर सुनवाई करने वाला है. पार्टी प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने यह दावा भी किया कि चयन समिति से प्रधान न्यायाधीश को बाहर रखने का मतलब है कि यह सरकार इस संवैधानिक संस्था पर अपना नियंत्रण चाहती है.

उनके मुताबिक, मोदी सरकार को चयन समिति की बैठक करने के बजाय उच्चतम न्यायालय से आग्रह करना चाहिए था कि मामले का त्वरित निस्तारण हो. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि वर्तमान चयन समिति उच्चतम न्यायालय के दो मार्च, 2023 के उस आदेश का स्पष्ट और सीधा उल्लंघन है जिसमें कहा गया था कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और प्रधान न्यायाधीश की मौजूदगी वाली समिति होनी चाहिए.

सिंघवी ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार शाम चयन समिति की जो बैठक हुई उसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए. उनका यह भी कहना था कि बैठक में क्या हुआ है यह अगले 24 या 48 घंटे में पता चल जाएगा.

मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम, 2023 के प्रावधानों को पहली बार सीईसी नियुक्त करने के लिए लागू किया जा रहा है. इससे पहले इसका उपयोग ईसी ज्ञानेश कुमार और संधू को नियुक्त करने के लिए किया गया था. यह नियुक्तियां तत्कालीन ईसी अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति और पिछले साल अरुण गोयल के इस्तीफे से उत्पन्न रिक्तियों को भरने के लिए की गई थीं.

कानून के अनुसार, सीईसी और ईसी की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक कैबिनेट स्तर के केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे.

सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा कि कार्यपालिका को अधिकार है वो कानून बनाए, लेकिन उच्चतम न्यायालय के व्यापक उद्देश्य को समझे बिना मोदी सरकार द्वारा जल्दबाजी में कानून बनाया गया. कानून बनाने के अधिकार का मतलब यह नहीं है कि अब वही कानून बनाए जाएंगे जो सरकार के अनुकूल हों.

उन्होंने कहा कि अगले 48 घंटे में जब उच्चतम न्यायालय की सुनवाई हो सकती है तो फिर इस बैठक को टाला भी जा सकता था. सिंघवी ने आरोप लगाया कि सरकार ने न सिर्फ उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया है, बल्कि लोकतंत्र की भावना को भी दरकिनार किया है.

कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने संकेत दिया था कि 19 फरवरी को इस विषय में सुनवाई की जाएगी और यह फैसला आएगा कि समिति का गठन किस तरीके का होना चाहिए. ऐसे में आज की बैठक को स्थगित करना चाहिए था.

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षत वाली चयन समिति में राहुल गांधी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं. मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के 18 फरवरी को सेवानिवृत्त होने से पहले समिति की बैठक सोमवार को प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर हुई.

यह समिति एक खोज समिति द्वारा छांटे गए उम्मीदवारों में से एक नाम की सिफारिश करेगी. इसके बाद सिफारिश के आधार पर राष्ट्रपति अगले सीईसी की नियुक्ति करेंगी. राजीव कुमार के बाद ज्ञानेश कुमार सबसे वरिष्ठ निर्वाचन आयुक्त हैं. उनका कार्यकाल 26 जनवरी, 2029 तक है. सुखबीर सिंह संधू दूसरे निर्वाचन आयुक्त हैं.

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नई दिल्ली: कांग्रेस सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) के नाम तय करने वाली समिति की बैठक अगले एक-दो दिनों के लिए स्थगित करनी चाहिए थी, क्योंकि उच्चतम न्यायालय संबंधित कानून पर सुनवाई करने वाला है. पार्टी प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने यह दावा भी किया कि चयन समिति से प्रधान न्यायाधीश को बाहर रखने का मतलब है कि यह सरकार इस संवैधानिक संस्था पर अपना नियंत्रण चाहती है.

उनके मुताबिक, मोदी सरकार को चयन समिति की बैठक करने के बजाय उच्चतम न्यायालय से आग्रह करना चाहिए था कि मामले का त्वरित निस्तारण हो. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि वर्तमान चयन समिति उच्चतम न्यायालय के दो मार्च, 2023 के उस आदेश का स्पष्ट और सीधा उल्लंघन है जिसमें कहा गया था कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और प्रधान न्यायाधीश की मौजूदगी वाली समिति होनी चाहिए.

सिंघवी ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार शाम चयन समिति की जो बैठक हुई उसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए. उनका यह भी कहना था कि बैठक में क्या हुआ है यह अगले 24 या 48 घंटे में पता चल जाएगा.

मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम, 2023 के प्रावधानों को पहली बार सीईसी नियुक्त करने के लिए लागू किया जा रहा है. इससे पहले इसका उपयोग ईसी ज्ञानेश कुमार और संधू को नियुक्त करने के लिए किया गया था. यह नियुक्तियां तत्कालीन ईसी अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति और पिछले साल अरुण गोयल के इस्तीफे से उत्पन्न रिक्तियों को भरने के लिए की गई थीं.

कानून के अनुसार, सीईसी और ईसी की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक कैबिनेट स्तर के केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे.

सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा कि कार्यपालिका को अधिकार है वो कानून बनाए, लेकिन उच्चतम न्यायालय के व्यापक उद्देश्य को समझे बिना मोदी सरकार द्वारा जल्दबाजी में कानून बनाया गया. कानून बनाने के अधिकार का मतलब यह नहीं है कि अब वही कानून बनाए जाएंगे जो सरकार के अनुकूल हों.

उन्होंने कहा कि अगले 48 घंटे में जब उच्चतम न्यायालय की सुनवाई हो सकती है तो फिर इस बैठक को टाला भी जा सकता था. सिंघवी ने आरोप लगाया कि सरकार ने न सिर्फ उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया है, बल्कि लोकतंत्र की भावना को भी दरकिनार किया है.

कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने संकेत दिया था कि 19 फरवरी को इस विषय में सुनवाई की जाएगी और यह फैसला आएगा कि समिति का गठन किस तरीके का होना चाहिए. ऐसे में आज की बैठक को स्थगित करना चाहिए था.

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षत वाली चयन समिति में राहुल गांधी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं. मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के 18 फरवरी को सेवानिवृत्त होने से पहले समिति की बैठक सोमवार को प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर हुई.

यह समिति एक खोज समिति द्वारा छांटे गए उम्मीदवारों में से एक नाम की सिफारिश करेगी. इसके बाद सिफारिश के आधार पर राष्ट्रपति अगले सीईसी की नियुक्ति करेंगी. राजीव कुमार के बाद ज्ञानेश कुमार सबसे वरिष्ठ निर्वाचन आयुक्त हैं. उनका कार्यकाल 26 जनवरी, 2029 तक है. सुखबीर सिंह संधू दूसरे निर्वाचन आयुक्त हैं.

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Last Updated : Feb 18, 2025, 7:20 AM IST
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