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पन्ना में पशुपालकों ने वन कर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, 5 की हालत गंभीर, क्या है विवाद की जड़ - Villagers Attack Forest team - VILLAGERS ATTACK FOREST TEAM

पन्ना से सटे जंगल में पशु चराने वाले ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम पर हमला कर दिया. इस घटना में 8 वनकर्मी घायल हुए हैं, इनमें से 5 की हालत गंभीर है. पशुओं को चराने पर रोक लगाने को लेकर ये विवाद हुआ.

Villagers Attack Forest team
पशुपालकों ने वन कर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 3, 2024, 5:35 PM IST

पन्ना। कोतवाली अंतर्गत मोहल्ला रानीगंज लोकपाल सागर तालाब से लगे जंगल में पशुपालकों और वन कर्मियों के बीच हुए विवाद हो गया. पशुपालकों ने बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर वनकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर लाठी-डंडों से पीटा. वन कर्मियों ने पन्ना कोतवाली में शिकायत की है. घायलों का इलाज जिला अस्पताल पन्ना में चल रहा है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं, बताया जाता है कि आरोपी हमलावर अपने-अपने घरों से फरार हो गए हैं.

पन्ना में हमले की आपबीती बताते वनरक्षक (ETV BHARAT)

ग्रामीणों को वन अमले ने दी समझाइश

घायल वनरक्षक विनोद मौर्यने बताया "उत्तर वन मंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र पन्ना की पन्ना बीट में रानीगंज के कुछ पशुपालक प्लांटेशन की जाली तोड़कर पशुओं को अंदर कर देते हैं, जिससे पौधे उजड़ जाते हैं. कई बार रोका गया लेकिन वह नहीं माने. 2 सितंबर को लगभग 8 वनरक्षक और लगभग 10 वन सुरक्षा श्रमिक प्लांटेशन पहुंचे और पशुपालकों को समझाइश देने का प्रयास किया. पहले तो पशुपालक अपने घर लौट गए लेकिन शाम लगभग 6 बजे आधा सैकड़ा से अधिक लोग जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, सभी लोग हाथों में लाठी डंडा हंसिया और कुल्हाड़ी लेकर पहुंचे."

घायल वन कर्मियों का जिला अस्पताल में इलाज (ETV BHARAT)

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घायल वनकर्मियों का जिला अस्पताल में इलाज

इन ग्रामीणों ने वन कर्मियों पर हमला कर दिया. इससे 8 वनकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें 5 की हालत गंभीर है. वन विभाग के एसडीओ कृष्णा मरावीने बताया "हमलावरों की पहचान की जा रही है, जिनके खिलाफ पन्ना कोतवाली में शिकायत दर्ज करवा कर सख्त कार्रवाई करवाई जाएगी." वहीं, बताया जाता है कि यहां पशुपालकों और वन‌ कर्मियों का विवाद काफी समय से चल रहा है. रानीगंज के दर्जनों लोगों की आजीविका का साधन पशुपालन है, जो शुरू से ही जंगल में अपनी भैंसें चराते रहे हैं, लेकिन अब वन विभाग द्वारा जगह-जगह प्लांटेशन लगाकर तार-जाली और खकरी लगा दी गई है. पशुओं को चरने के लिए जगह नहीं मिलने से पशुपालक परेशान हैं.

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