नई दिल्ली: किसी भी वाहन को खरीदते समय हम दो तरह की कीमतों के बारे में सुनते हैं. इनमें से एक है 'एक्स-शोरूम कीमत' और दूसरी है 'ऑन रोड कीमत'. इनका क्या मतलब है? इन दोनों तरह की कीमतों में क्या अंतर है?
क्या होती है एक्स-शोरूम कीमत?
जब किसी वाहन की एक्स-शोरूम कीमत की बात आती है, तो इसमें रजिस्ट्रेशन चार्ज, रोड टैक्स और बीमा पॉलिसी की लागत शामिल नहीं होती है. देश की सड़कों पर वाहन चलाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है. उन नियमों का पालन नहीं करने वाले वाहन चालकों को भारी जुर्माना भरना पड़ेगा. खास तौर पर वाहन का क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) में रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है. रोड टैक्स चुकाना जरूरी है. वाहन के लिए बीमा पॉलिसी लेनी जरूरी है. एक्स-शोरूम कीमत में सरकार को दिया जाने वाला माल और सेवा कर (GST) और वाहन डीलर का मुनाफा शामिल होता है. यह कीमत आमतौर पर कमर्शियल विज्ञापनों में दिखाई जाती है.
ऑन-रोड कीमत क्या है?
ऑन-रोड कीमत वाहन को शोरूम से सड़क तक लाने की लागत है. इस कीमत में वाहन की एक्स-शोरूम कीमत, रजिस्ट्रेशन शुल्क, रोड टैक्स, बीमा पॉलिसी और अन्य शुल्क शामिल हैं. अगर आप वाहन में कोई अतिरिक्त सुविधा चाहते हैं, तो आप डीलर से पूछ सकते हैं. डीलर खरीदार से शुल्क लेता है, उस अतिरिक्त सुविधा को जोड़ता है और वाहन डिलीवर करता है. इन सभी लागतों को मिलाकर खरीदार को ऑन-रोड बिल दिया जाता है. वाहन की एक्स-शोरूम कीमत को ऑन-रोड कीमत में बदलने वाले कैलकुलेटर इंटरनेट पर उपलब्ध हैं. अन्यथा आप सीधे डीलर से संपर्क कर सकते हैं और डिटेल्स प्राप्त कर सकते हैं.
एक्स-शोरूम कीमत और ऑन-रोड कीमत में अंतर!
किसी वाहन की एक्स-शोरूम कीमत और ऑन-रोड कीमत में कुछ बुनियादी अंतर होते हैं. एक्स-शोरूम कीमत में कोई अतिरिक्त शुल्क शामिल नहीं होता है. इसमें केवल वाहन निर्माता द्वारा निर्धारित कीमत, डीलर का लाभ और जीएसटी शामिल होता है. इसके विपरीत ऑन-रोड कीमत में रजिस्ट्रेशन शुल्क, बीमा पॉलिसी लागत, रोड टैक्स और अन्य शुल्क शामिल होते हैं. अगर वाहन में अतिरिक्त एक्सेसरीज जोड़ी जाती हैं, तो उनकी कीमतें भी ऑन-रोड कीमत में शामिल होती हैं. यही कारण है कि एक्स-शोरूम कीमत ऑन-रोड कीमत से कम होती है. डीलर ऑन-रोड कीमत पर ही वाहन बेचते हैं.