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कानपुर की बेटी पंखुड़ी बनीं जज, हरियाणा पीसीएस-जे में बेटी की सफलता पर परिवार गदगद

पापा, आपकी बेटी जज बन गई, सुनते ही छलके पिता के आंसू

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

Updated : 3 hours ago

पंखुड़ी शुक्ला अपने परिवार के साथ.
पंखुड़ी शुक्ला अपने परिवार के साथ. (Photo Credit; ETV Bharat)

कानपुर:हरियाणा पीसीएस-जे के रिजल्ट घोषित हो चुके हैं. इसमें कानपुर की 26 वर्षीय पंखुड़ी शुक्ला ने 32वीं रैंक हासिल की है. जैसे ही पंखुड़ी के परिजनों को इस बात की जानकारी हुई तो पूरे परिवार में खुशी का माहौल बन गया. माता-पिता के चेहरे पर खुशी के आंसू थे. जज बनी अपनी लाडली बेटी को मुंह मीठा करा उसे इस कामयाबी की बधाई दी. पंखुड़ी की सफलता पर हर कोई गदगद दिखा. बता दें कि 15 अक्टूबर को हरियाणा पीसीएस जे का रिजल्ट निकला है.

पंखुड़ी शुक्ला अपने परिवार के साथ. (Video Credit; ETV Bharat)

बेटी के जज बनने पर बधाई का तांता:शहर के बेनाझाबर में रहने वाली पंखुड़ी शुक्ला के पिता गोपाल कृष्ण शुक्ला और बड़ा भाई पवित्र शुक्ला CA हैं. वहीं पंखुड़ी की मां मनीष शुक्ला हाउस मेकर हैं. पंखुड़ी ने बताया कि उन्होंने अपनी इंटर तक की पढ़ाई सर पदमपत सिंघानिया स्कूल से की है. वर्ष 2018 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से उन्होंने बीकॉम ऑनर्स किया और फिर दिल्ली लॉ केंपस सेंटर से 2021 में लॉ पूरा किया. इसके बाद में वह कानपुर लौट आईं और शहर के रामा यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्य करते हुए पीसीएस जे की पढ़ाई शुरू कर दी. मंगलवार रात घोषित हुए हरियाणा पीसीएस जे के रिजल्ट में पंखुड़ी ने जनरल कैटेगरी में शामिल 88 परीक्षार्थियों में 32 वीं रैंक हासिल की. जैसे ही इस बात की जानकारी परिजनों और मिलने वालों को हुई तो बधाई देने वालों का तांता लग गया. साथ ही घर पर ढोल नगाड़े भी बजने लगे. वहीं बेटी की इस कामयाबी के बाद पंखुड़ी के माता-पिता ने भी इस खुशी के मौके पर जमकर डांस किया.

पापा मैं जज बन गई, सुनते ही पिता की आंखों से छलके आंसू:पंखुड़ी ने बताया कि जिस वक्त रिजल्ट आया उस वक्त पिता और भाई लखनऊ में थे. पंखुड़ी सबसे पहले इसकी जानकारी अपने पिता को देना चाहती थीं. उन्होंने इतनी बड़ी खुशखबरी रात के 12:00 बजे तक छुपाकर रखी. देर रात पिता और भाई घर लौटे तो पंखुड़ी ने अपना फोन मां के हाथों में थमा दिया और कहा कि वह इस लम्हे को फोन में कैद कर दें. इसके बाद पंखुड़ी ने पिता की ओर देखते हुए कहा-पापा आपकी बेटी आज जज बन गई. थोड़ी देर तक तो पिता को बेटी कि इस बात पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ. यह सुनते ही पिता गोपाल कृष्ण शुक्ल और मां मनीष शुक्ला की आंखों में आंसू आ गए. पिता ने अपनी बेटी को गले लगाकर उसका मुंह मीठा कराया. पिता गोपाल कृष्ण शुक्ल ने बताया कि, उनकी ख्वाहिश थी कि बेटी उनकी तरह CA बने. इसलिए बेटी को बीकॉम की पढ़ाई करा रहे थे लेकिन उन्हें खुशी है कि आज उनकी बेटी जज बन गई है.

पंखुड़ी ने ऐसी की तैयारी:पंखुड़ी ने बताया कि वह रोजाना 8 घंटे पढ़ाई करती थीं. पढ़ाई के बाद में खाली समय में मूवी देखकर, जिम और डांस कर अपने माइंड को फ्रेश करती थीं. बताया कि इस दौरान उन्होंने अपने आप को शादी समारोहों, दोस्तों संग पार्टी से बिल्कुल दूर कर लिया था. वह अपने उद्देश्य के बारे में किसी को भी नहीं बताती थीं. पंखुड़ी का मानना है, कि अगर आपको एक बड़ा लक्ष्य हासिल करना है तो उसके लिए त्याग करना पड़ेगा. इसके साथ ही लक्ष्य हासिल करने के लिए आपको उसके लिए कठिन परिश्रम भी करना होगा.

पंखुड़ी बोलीं, पीड़ित को न्याय दिलाना पहला लक्ष्य:पंखुड़ी ने कहा कि जज की कुर्सी पर बैठते ही उनकी पहली प्राथमिकता होगी कि पीड़ित को न्याय मिल सके. अपनी जॉब के तहत जस्टिस डिलीवरी सिस्टम में जितना बदलाव ला सकती हूं, उतना करूंगी. कहा कि, जस्टिस सिस्टम थोड़ा तेजे हो, जिससे बार-बार तारीख न लगे. मैं जरूर ध्यान रखूंगी कि अपने स्तर से इसमें बदलाव ला सकूं.

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