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लखनऊ में युवक की हत्या; 8 दिन बाद मिला शव, तीन आरोपी गिरफ्तार

Lucknow Murder Case Solved: दोस्तों और रिश्तेदारों ने दिया घटना को अंजाम. धोखाधड़ी से जमीन बैनामा कराने का मामला आया सामने.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

पुलिस की गिरफ्त में हत्यारोपी.
पुलिस की गिरफ्त में हत्यारोपी. (Photo Credit: ETV Bharat)

लखनऊ : बिजनौर थाना क्षेत्र में 9 दिन पहले माती गांव में रहने वाली महिला ने अपने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट पंजीकृत कराई थी. इसकी जांच पड़ताल पुलिस द्वारा की जा रही थी. 16 अक्टूबर को निगोहां के जंगल में एक युवक का शव मिलने पर पुलिस ने महिला को बुलाकर शव की पहचान कराई तो शव की शिनाख्त महिला के पुत्र संदीप के रूप में हुई. इसके बाद पुलिस ने संदीप की हत्या के षड़यंत्र का खुलासा कर दिया है. पुलिस ने सभी हत्यारोपियों को बिजनौर थाना क्षेत्र के माती अंडरपास से गिरफ्तार कर लिया है.



थाना प्रभारी अरविंद सिंह राना ने बताया कि रजनीखण्ड निवासी मुन्ना यादव, माती निवासी अभिषेक रावत तथा परवर पश्चिम निवासी प्रदीप ने माती निवासी संदीप को अपने साथ मिलाकर पहले संदीप की मां की जगह प्रदीप की मौसी को खड़ा करके सुरसती की भूमि का बैनामा मुन्ना यादव के पक्ष में कराया गया. उपरोक्त जालसाजी में सुरसती का पुत्र संदीप भी शामिल था. संदीप ने बैनामा में बतौर गवाह शामिल था. इसके लिए मुन्ना यादव ने संदीप को रुपयों का लालच दिया था. इस जालसाजी के एवज में मुन्ना ने कई बार में लगभग 4 लाख रुपये संदीप को दिए थे.


बकाया रुपये मांगने पर उतारा मौत के घाट : पुलिस के अनुसार संदीप ने मुन्ना यादव से कुछ रुपयों की मांग रखी थी, जिसे मुन्ना यादव देने में आनाकानी कर रहा था. इस पर संदीप ने धोखाधड़ी से कराए गए बैनामे की पोल खोलने की धमकी दी. जिससे नाराज मुन्ना यादव ने अपने सहयोगियों से संदीप को रास्ते से हटाने की योजना बना डाली. मुन्ना के कहने पर सुखराम, प्रदीप गौतम व अभिषेक ने बहाने से संदीप को बुलाया और बंधकर बनाकर नगराम क्षेत्र के जंगल में ले गए. जहां पहले सभी ने डण्डों से संदीप को बुरी तरह मारा पीटा और इसके बाद चाकू से गला काट डाला. पुलिस ने मारपीट में चकनाचूर हुए डंडे के 8 टुकड़े घटनास्थल से बरामद किए हैं.

लखनऊ : बिजनौर थाना क्षेत्र में 9 दिन पहले माती गांव में रहने वाली महिला ने अपने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट पंजीकृत कराई थी. इसकी जांच पड़ताल पुलिस द्वारा की जा रही थी. 16 अक्टूबर को निगोहां के जंगल में एक युवक का शव मिलने पर पुलिस ने महिला को बुलाकर शव की पहचान कराई तो शव की शिनाख्त महिला के पुत्र संदीप के रूप में हुई. इसके बाद पुलिस ने संदीप की हत्या के षड़यंत्र का खुलासा कर दिया है. पुलिस ने सभी हत्यारोपियों को बिजनौर थाना क्षेत्र के माती अंडरपास से गिरफ्तार कर लिया है.



थाना प्रभारी अरविंद सिंह राना ने बताया कि रजनीखण्ड निवासी मुन्ना यादव, माती निवासी अभिषेक रावत तथा परवर पश्चिम निवासी प्रदीप ने माती निवासी संदीप को अपने साथ मिलाकर पहले संदीप की मां की जगह प्रदीप की मौसी को खड़ा करके सुरसती की भूमि का बैनामा मुन्ना यादव के पक्ष में कराया गया. उपरोक्त जालसाजी में सुरसती का पुत्र संदीप भी शामिल था. संदीप ने बैनामा में बतौर गवाह शामिल था. इसके लिए मुन्ना यादव ने संदीप को रुपयों का लालच दिया था. इस जालसाजी के एवज में मुन्ना ने कई बार में लगभग 4 लाख रुपये संदीप को दिए थे.


बकाया रुपये मांगने पर उतारा मौत के घाट : पुलिस के अनुसार संदीप ने मुन्ना यादव से कुछ रुपयों की मांग रखी थी, जिसे मुन्ना यादव देने में आनाकानी कर रहा था. इस पर संदीप ने धोखाधड़ी से कराए गए बैनामे की पोल खोलने की धमकी दी. जिससे नाराज मुन्ना यादव ने अपने सहयोगियों से संदीप को रास्ते से हटाने की योजना बना डाली. मुन्ना के कहने पर सुखराम, प्रदीप गौतम व अभिषेक ने बहाने से संदीप को बुलाया और बंधकर बनाकर नगराम क्षेत्र के जंगल में ले गए. जहां पहले सभी ने डण्डों से संदीप को बुरी तरह मारा पीटा और इसके बाद चाकू से गला काट डाला. पुलिस ने मारपीट में चकनाचूर हुए डंडे के 8 टुकड़े घटनास्थल से बरामद किए हैं.

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