दुनियाभर में करोड़ों लोग डायबिटीज जैसे घातक बीमारी से जूझ रहे हैं. डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो जीवन भर साथ रहती है. इसे लाइलाज रोग भी कहा जा सकता है. लेकिन यदि आप अपने खानपान और जीवनशैली में कुछ बदलाव कर लिए तो इस बीमारी को कुछ हद तक कंट्रोल किया जा सकता है.खानपान और नियमित व्यायाम के द्वारा डायबिटीज मरीज अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं. इस खबर में जानिए की ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में काला चना कैसे आपकी मदद कर सकता है और इसका सेवन कैसे किया जाए...
काले चने में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक रिसर्च अनुसार, काले चने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी ज्यादा कम होता है. ऐसे में जब आप काले चने का सेवन करते हैं, तो आपका ब्लड शुगर लेवल काफी धीरे-धीरे बढ़ता है. ऐसा काले चने के कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण होता है. बता दें, हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ से ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ता हैं, जबकि कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ अधिक धीरे-धीरे वृद्धि होता है.
ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्या होता है?
वेबएमडी में प्रकाशित एक रिसर्च अनुसार, ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) किसी खाद्य पदार्थ को खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल पर होने वाले प्रभाव को दर्शाता है. यह कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थों को रैंक करने का एक तरीका है. ग्लाइसेमिक इंडेक्स, कार्बोहाइड्रेट के टाइप और मात्रा के साथ-साथ भोजन की तैयारी और उसमें मौजूद अन्य पदार्थों पर डिपेंड करता है.
क्या डायबिटीज मरीज काले चने खा सकते हैं?
डायबिटीज मरीजों के लिए काले चने एक अच्छा भोजन विकल्प हो सकता हैं, क्योंकि इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका मतलब है कि यह ब्लड शुगर लेवल में धीमी और स्थिर वृद्धि का कारण बनता है. हालांकि, अपने आहार में कोई भी महत्वपूर्ण बदलाव करने से पहले किसी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता या रजिस्टर्ड डाइट एक्सपर्ट सलाह लेना बेहद जरूरी होता है. दरअसल ऐसा इसलिए क्योंकि, हर किसी की पोषण संबंधी जरूरतें अलग-अलग होती हैं, और जो एक व्यक्ति के लिए काम करता है, वह दूसरे के लिए काम नहीं कर सकता है.
काले चने के स्वास्थ्य लाभ क्या हैं?
काले चने में आवश्यक पोषक तत्व (Essential Nutrients)होते हैं और यह कई तरह के हेल्थ बेनिफिट्स देते है. काला चना प्रोटीन का एक बेहतरीन सोर्स है, जो मांसपेशियों की मरम्मत और विकास के लिए बेहद जरूरी है. इसके अलावा, इसमें फाइबर होता है, जो डाइजेशन में सहायता करता है और हेल्दी ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने में मदद करता है. काले चने में कैल्शियम, पोटेशियम और विटामिन C जैसे विटामिन और मिनरल्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो पूरे स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती में योगदान करते हैं.
इन बीमारियों को करता है दूर
चना खाने से पेट का पाचन सही रहता है. अंकुरित चना खाने से कॉन्स्टिपेशन और गैस की समस्या दूर हो सकती है. इसके अलावा यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मददगार होता है. अंकुरित चना नेचुरल इम्यूनिटी बूस्टर की तरह वर्क करता है. इसमें विटामिन C एंटीऑक्सीडेंट्स पाया जाता है. ये खास तौर पर से इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में काम करता है और शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं.
अंकुरित चना वेट लॉस भी करने में सहायता करता है. इन चनों में मौजूद कैल्शियम और दूसरे मिनरल्स हड्डियों को मजबूती देते हैं. अंकुरित चना खाने से आपको जोड़ों के दर्द में आराम मिल सकता है. काले चने में मौजूद आयरन शरीर में एनीमिया जैसे रोग से बचाव करता हैं और आपको पूरी तरह से हेल्दी और फिट रखता है.
कैसे करें काले चने का सेवन?
ज्यादातर घरों में काले चने का इस्तेमाल होता है. इसे कई तरह से बनाया जा सकता है. जैसे कि काले चने को इसे उबालकर, भिगोकर, सब्जी बनाकर, चाट के और सलाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है. इसे खाने का सबसे आसान और सही तरीका चाट बनाकर खाना है. इसके लिए आप टमाटर, प्याज, खीरा, धनिया और हरी मिर्च को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें, एक कटोरी उबले हुए चने लें, फिर इन सबको एक बाउल में डालकर अच्छे से मिला ले, फिर उसके ऊपर एक नींबू निचोड़ कर ले और स्वादानुसार नमक डालकर खाएं.
(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)