नाथद्वारा. बागेश्वर पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री और कथा वाचक इंद्रेश उपाध्याय के साथ अल सुबह भीलवाड़ा से सड़क मार्ग से नाथद्वारा पहुंचे. यहां उन्होंने प्रभु श्रीनाथजी की मंगला आरती के दर्शन किए. मंदिर परंपरा अनुसार बैठकजी में अधिकारी सुधाकर शास्त्री, सहायक अधिकारी अनिल सनाढय, सचिव लीलाधर पुरोहित ने उपरना रजाई ओढ़ाकर व श्रीनाथजी का प्रसाद भेंट कर उनका स्वागत किया.
इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि आज श्रीनाथजी के दर्शन कर ऐसा आंनद आया जैसे वृंदावन की कुंज गलियों में द्वापर युग मे हो और श्रीनाथजी से यही प्रार्थना की है कि जल्द से जल्द भारत हिन्दू राष्ट्र हो जाए. सभी धर्म विरोधी यहां से भाग जाएं. उन्होंने कहा कि धर्म से राजनीति चलती है, राजनीति से धर्म नही चालता है. और धर्म का उपयोग वोट बैंक के लिए नही किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि धर्म धारणाओं का विषय है प्रचीन परम्पराओं का विषय है, उत्साह, आनंद, मोक्ष का विषय है. धर्म के रास्ते मे संकीर्णता नही होने चाहिए, सनातन अखंड है और राजनीति से इसे नही जोड़ना चाहिए.