वाराणसी: भारत के योग की ताकत को दुनिया ने लोहा माना है. यही वजह है कि, 21 जून को हर साल विश्व योग दिवस के रूप में पूरी दुनिया योग का डंका बजता है. देश में ऋषि मुनियों के समय से ऐसे ऐसे योग साधक मौजूद रहे हैं. जिनकी साधना को देखकर हर कोई दंग रह जाता है. ऐसे लोगों ने हर किसी को अपनी योग की शक्ति से आश्चर्यचकित कर दिया. ऐसी ही योग की ताकत के साथ लोगों को अचरज में डालने वाले बनारस के 69 साल के रामजन्म योगी भी हर किसी के आगे योग की उस ताकत को प्रदर्शित करते हैं, जिसे देखकर और सुनकर हर कोई अचरज में पड़ जाता है. रामजन्म योगी शंखनाद के उस अद्भुत कला को जीवित रखने वाले शख्स हैंं, जिसको आम जन कुछ सेकंड में ही खत्म कर देते हैं. सांस पर नियंत्रण के बल पर शंख को बजाने की यह अद्भुत क्रिया को रामजन्म योगी इस उम्र में भी निभा रहे हैं. आधे घंटे से ज्यादा समय तक एक लगातार शंखनाद की यह ताकत रामजन्म योगी को औरों से अलग बनाती है.
वाराणसी के रामजन्म योगी को एक दो मिनट नहीं बल्कि आधा घंटे तक लगातार शंखनाद करने में महारत हासिल है. उनकी इस कला की तारीफ पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित कई नामचीन हस्तियां कर चुकी हैं. बनारस के चौबेपुर इलाके के निवासी रामजन्म योगी योग क्रिया के बल पर कई साल से शंखनाद का अद्भुत काम कर रहे हैं. जिसे देखकर हर कोई आश्चर्यचकित हो जाता है. रामजन्म योगी 5 मिनट 10 मिनट 15 मिनट और आधे घंटे तक बिना सांस तोड़े लगातार शंखनाद करते हैं.
दरअसल 69 वर्षीय रामजन्म योगी जब 8 साल के थे तभी वह कुछ अलग करना चाहते थे. उनके घर के बाहर मौजूद हनुमान मंदिर में उन्होंने 8 वर्ष की अवस्था से शंखनाद करना शुरू किया. धीरे-धीरे शंख बजाते हुए योग की क्रिया के जरिए उन्होंने अपने श्वसन प्रणाली पर नियंत्रण करना शुरू किया. प्राणायाम सहित अन्य अलग-अलग क्रियाओं के जरिए उन्होंने सांस खींचना, सांस छोड़ना और सांस रोकना तीनों क्रियाओं को एक साथ संचालित करना सीख लिया.