दुमका/गिरिडीह/पलामू/कोडरमा: झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक मंईयां सम्मान योजना इन दिनों चर्चा में है. चुनाव से पहले हेमंत सोरेन सरकार ने वादा किया था कि चुनाव के बाद दिसंबर से तीसरी किस्त के रूप में हर महिला लाभार्थी को 2500 रुपये प्रति माह देगी. लेकिन सरकार बनने के बाद दिसंबर महीना खत्म हो गया, लेकिन ज्यादातर महिलाओं के खाते में यह राशि नहीं पहुंची है.
हालांकि सरकार का दावा है कि दिसंबर महीने की राशि जारी कर दी गई है और महिलाओं के खाते में पैसे आने भी शुरू हो गए हैं. इन सबके बीच जिन महिलाओं के खाते में मंईयां सम्मान राशि नहीं पहुंची है, वे असमंजस में हैं. वे सरकार की मंशा पर सवाल उठा रही हैं. वहीं कई महिलाओं को सरकार पर भरोसा है कि उन्हें राशि दी जाएगी. ईटीवी भारत के संवाददाताओं ने झारखंड के अलग-अलग जिलों की महिलाओं से मंईयां सम्मान योजना के बारे में उनकी राय जानने की कोशिश की है.
पलामू की महिलाओं को तीसरी किस्त का इंतजार
पलामू में लाभुकों को मंईयां सम्मान योजना की पहली किस्त 2500-2500 खाते में आने का इंतजार है. पलामू में मंईयां सम्मान योजना के 5 लाख 91 हजार लाभुक हैं. ज्यादातर महिलाओं के खाते में पहली और दूसरी किस्त की राशि आ चुकी है. विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद सबसे पहले महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना की तीसरी किस्त का इंतजार है. हालांकि मंईयां सम्मान योजना की राशि जारी करने को लेकर 6 जनवरी को रांची में एक बड़ा समारोह आयोजित किया गया है. इस समारोह में पलामू की एक बड़ी आबादी शामिल होने जा रही है.
मंईयां सम्मान योजना को लेकर ईटीवी भारत ने पलामू के अलग-अलग इलाकों की महिलाओं से बात की है. पलामू के हैदरनगर की रहने वाली रीता देवी ने बताया कि उन्हें योजना की पहली और दूसरी किस्त की राशि मिल चुकी है, लेकिन दिसंबर में मिलने वाली तीसरी किस्त की राशि नहीं मिली है, इसे काफी समय हो गया है.
पलामू के मेदिनीनगर की रहने वाली गायत्री कुमारी ने बताया कि उन्हें अभी तक एक भी किस्त नहीं मिली है, लेकिन मंईयां सम्मान योजना से उन्हें काफी उम्मीद है. इस राशि से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी कर सकती हैं और कम से कम अपनी ट्यूशन फीस तो भर ही सकती हैं. ललिता देवी ने कहा कि मंईयां सम्मान योजना से उन्हें काफी राहत मिली है, इससे उन्हें काफी उम्मीद है.
दुमका की महिलाओं की राय
दुमका में हेमंत सरकार की मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना को महिलाओं ने बेहद उपयोगी और लाभकारी बताया है. उन्होंने कहा कि हमें छोटी-छोटी जरूरतों के लिए पैसों के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन इस राशि के जरिए वह समस्या दूर हो गई है. खासकर हम अपने बच्चों को ट्यूशन पढ़ा सकते हैं, उनकी छोटी-छोटी मांगों को पूरा कर सकते हैं. कुल मिलाकर इस योजना ने हमें आत्मनिर्भरता और सम्मान दिया है. महिलाओं ने हेमंत सरकार से यह भी मांग की कि आप इसे लगातार जारी रखें और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसकी राशि का भुगतान समय पर किया जाए.
इस योजना को लेकर हमने दुमका की समाजसेवी मुन्नी हांसदा से भी बात की. उन्होंने कहा कि योजना अच्छी है, लेकिन इससे सभी गरीब महिलाओं को जोड़ा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि हेमंत सरकार ने चुनावी फायदे के लिए जल योजना शुरू की है, इसलिए इसे जारी रहना चाहिए.
गिरिडीह की महिलाएं 2500 रुपए का कर रहीं इंतजार