नई दिल्ली:देश की राजधानी दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के लिए चुनाव प्रचार अब धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा है. राजनीतिक दलों द्वारा सभी सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम का ऐलान हो जाने के बाद वे नामांकन की तैयारी में लगे हैं. चुनाव में यूं तो कई मुद्दों पर चर्चा होती है. जिनमें से एक बड़ा मुद्दा आज भी है महिलाओं की राजनीति में हिस्सेदारी की.
पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं के लिए संसद में 33 फीसदी को लेकर बातें हुई, बिल भी पेश हो गया है. लेकिन आज भी महिलाओं का चुनाव जीतकर संसद पहुंचने की रफ्तार कम है. दिल्ली की ही बात करें तो 1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक सात महिला सांसद चुनकर संसद पहुंची हैं. यह काफी चौंकाने वाला है. जबकि, दिल्ली की 45 फीसदी आबादी महिलाएं हैं.
दिल्ली में आजादी के बाद हुए पिछले 17वीं लोकसभा चुनाव में अभी तक केवल सात महिला ऐसी है, जो चुनाव जीती और संसद की दहलीज तक पहुंची हैं. वर्तमान की बात करें तो लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा ने सात सीटों में से दो सीटों पर इस बार महिला प्रत्याशी कमलजीत सहरावत (पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट) और सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज (नई दिल्ली लोकसभा सीट) को चुनाव मैदान में उतारा है. बीजेपी को मुकाबला देने के लिए इंडिया गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में से किसी ने भी इस बार महिला प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया है.