ऑनलाइन पूजा पर संवाददाता प्रतिमा तिवारी की फाइल फोटो. (वीडियो क्रेडिट; Etv Bharat) वाराणसी: काशी में इन दिनों ऑनलाइन गुरु जी की डिमांड दिख रही है. जिनके जरिए सात समुंदर पार बैठे यजमान भी आधुनिक आशीर्वाद प्राप्त कर ले रहे हैं. इसकी डिमांड काशी के प्रमुख मंदिरों के साथ-साथ विश्वविद्यालयों में देखी जा रही है.
विश्वनाथ धाम से लेकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय और सम्पूर्णानन्द संस्कृत यूनिवर्सिटी के आचार्य इन दिनों ऑनलाइन पूजा में जुटे हुए हैं. इस पूजा के जरिए जहां युवा आचार्यों को रोजगार प्राप्त हो रहा है, तो वहीं यजमानों की कम खर्च में पूजा संपन्न हो जा रही है.
अब वाराणसी की पूजा हाईटेक हो गई है. चाहे देश हो या विदेश घर बैठे यजमान ऑनलाइन पूजा करा सकते हैं. इसके लिए यजमान को नाम और गोत्र बताना होगा, जिसके बाद काशी के वैदिक ब्राह्मण और यजमान सब मिलकर पूजा संपन्न कर सकेंगे.
बड़ी बात यह है कि विश्वनाथ मंदिर सहित शहर के अलग-अलग मंदिरों में हर दिन 100 से ज्यादा ऑनलाइन पूजा हो रही है. बाकायदा कोरियर से यजमानों को प्रसाद और खास चीज भेजी भी जा रही हैं.
इस बारे में काशी के आचार्य पंडित योगेंद्र शास्त्री बताते हैं कि इन दिनों बढ़ती गर्मी व भागदौड़ भरे जीवन में कम समय होने के कारण भगवान के ऑनलाइन दर्शन और पूजन का क्रेज बढ़ा है. यजमान स्वयं हमसे सोशल मीडिया के जरिये संपर्क बनाता है.
शहर के सभी बड़े मंदिरों में हर दिन बड़ी संख्या में ऑनलाइन पूजा होती है. जिसमें बाबा विश्वनाथ से लेकर के महामृत्युंजय मंदिर में जप अनुष्ठान सभी शामिल है. इसके लिए हम यजमान से ऑनलाइन संकल्प लेते हैं.
उसके बाद एक ब्राह्मण यजमान का प्रतिनिधित्व बनाकर पूजा में बैठता है. हम ऑनलाइन वीडियो कॉल करके यजमान को भी पूजा में शामिल करते हैं. जिस प्रकार की पूजा है, काशी के जिस स्थान पर होनी है वहां पर पूरे सात्विक वैदिक विधि से पूजा संपन्न कराई जाती है.
ग्रह शान्ति और पितृदोष की पूजा की सबसे ज्यादा डिमांड: उन्होंने बताया कि, बीते दिनों चुनाव में भी कई नेताओं ने मंदिरों में ऑनलाइन दर्शन पूजन कर जीत के लिए अनुष्ठान कराया था. वर्तमान में भी विभिन्न तरीके के ग्रह दोष हैं, जिनमें कुंडली का ग्रह दोष, राहु, केतु,शनि की साढ़े साती, नवग्रह दोष, कालसर्प योग, रुद्राभिषेक, घाट और पिशाचमोचन में त्रिपिंडी शांति की पूजा यजमान करा रहे हैं. जिसमें व्यापारी और अस्पताल में बीमार मरीजों की संख्या ज्यादा है.
इस बारे में वाराणसी में ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी कहते हैं कि पहले एक दो ऑनलाइन पूजा होती थी, लेकिन अब ज्यादा से ज्यादा संख्या में वैदिक ब्राह्मण ऑनलाइन पूजा करवा रहे हैं. हमारे यहां मंदिर में भी प्रतिदिन लगभग 15 पूजा ऑनलाइन हो रही हैं.
रोजगार के साथ खर्च में हो रही बचत: आचार्य की पढ़ाई कर रहे छात्र कहते हैं, इस पूजा का सबसे ज्यादा लाभ यजमान के साथ काशी हिंदू विश्वविद्यालय, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय लगायत कर्मकांड की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को मिल रहा है. वह पढ़ाई के साथ-साथ कर्मकांड की प्रैक्टिस भी कर ले रहे हैं. उन्हें रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है.
वो बताते हैं कि हर सामान्य पूजा में भी 3 से 5 ब्राह्मणों की आवश्यकता होती है. ऐसे में बड़ी संख्या में हो रहे ऑनलाइन पूजा में यजमानों के पैसे, समय की बचत हो रही है. जितना खर्च उनका जाने आने और वाराणसी में रुकने में लगता था, उतने में ही वह अपनी पूजा संपन्न करा ले रहे हैं. वहीं इससे आचार्य शास्त्री के विद्यार्थियों को आर्थिक लाभ भी मिल रहा है.
विश्वनाथ धाम में भी उपलब्ध है ऑनलाइन व्यवस्था: काशी के विश्वनाथ धाम में ऑनलाइन पूजा के लिए बाकायदा मंदिर पर सुविधा वेबसाइट उपलब्ध है. जहां पर ऑनलाइन बुकिंग कराकर पूजा की सुविधा यजमान लेते हैं. इन पूजा में रुद्राभिषेक, विशेष अनुष्ठान व अन्य तमाम तरीके की पूजा की व्यवस्था शामिल है. इसमें पूजा के बाद मंदिर के पुजारी बाकायदा टैबलेट के जरिए यजमानों को दर्शन कराकर कोरियर से प्रसाद भेजते हैं.
ये भी पढ़ेंःWATCH: ईटीवी भारत के रियालटी चेक में खुली बनारस के विकास के दावों की पोल, लोगों ने बताई ऐसी सच्चाई