जोधपुर: 'एक देश एक चुनाव' के लिए बनाई गई ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने कहा कि एक देश एक चुनाव की व्यवस्था 2029 में नई संसद के गठन के बाद लागू होगी. बिल का प्रावधान यही है कि नई संसद के गठन के बाद राष्ट्रपति इसका कैलेंडर जारी करेंगे. यह 2029 में लागू होगा. उस समय जिन-जिन विधानसभाओं के चुनाव होंगे, उन पर यह लागू होगा. 2034 में जब लोकसभा के चुनाव होंगे, तो उस समय विधानसभा के चुनाव करवाने के लिए राष्ट्रपति कैलेंडर जारी करेंगे. शनिवार को जोधपुर एअरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि इसके लिए संविधान में संशोधन किया जाएगा.
वन नेशन वन इलेक्शन पर पीपी चौधरी ने शेयर की अपडेट (ETV Bharat Jodhpur) चौधरी ने कहा कि देश में आजादी के बाद 1967 तक चुनाव साथ-साथ हुए, लेकिन बाद में संविधान की शक्तियों के तहत कई सरकारों को भंग करने से यह क्रम टूट गया. उन्होंने कहा कि यह महसूस किया गया कि अलग-अलग चुनाव खर्च बहुत ज्यादा होता है, जिसका भार जनता पर पड़ता है. साथ ही पूरी मशीनरी इसमें वयस्त हो जाती है. बार-बार आचार संहिता लगने से विकास कार्य बाधित होने से देश का विकास बाधित होता है. इसलिए एक देश एक चुनाव के लिए संविधान संशोधन के लिए बिल लोकसभा में स्वीकार किया गया है.
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इस पर मंथन के लिए 27 सदस्य संसद से व 12 सदस्य राज्यसभा से लेकर कमेटी बनाई है. कमेटी इसे लेकर सभी स्टेकहोल्डर से बात करेगी और इसे लागू कराने का मार्ग प्रशस्त करेगी. चौधरी ने कहा कि इस कानून से लोकसभा व विधानसभा के साथ साथ पंचायत और पालिकाओं के भी चुनाव एक साथ होंगे. अगर कोई चुनी गई संस्था अपना कार्यकाल पूरा नहीं करेगी, तो उसके लिए नियम की व्यवस्था होगी.
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शाह की गलती नहीं है:गृहमंत्री अमित शाह के बयान को लेकर विरोध के सवाल पर पीपी चौधरी ने कहा कि उनका बयान पूरा नहीं पढ़ा गया है. उनका पूरा भाषण पढ़ना होगा. उसमें एक हिस्सा पकड़ लेते हैं, पिछे वाला नहीं पढ़ते हैं. इसमें बयान देने वाले की गलती नहीं हैं, पढ़ने वालों की गलती है. उनका भाषण पढ़ने पर समझ में आएगा. उन्होंने साफ-साफ कहा था कि कांग्रेस के मुंह से बाबा साहब की बात निकलना ठीक नहीं है, क्योंकि कांग्रेस ने हमेशा उनका हराने और नीचे दिखाने का काम किया था. संसद में धक्का-मुक्की पर पीपी चौधरी ने कहा कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी को ऐसा नहीं करना चाहिए था.