जमशेदपुर: झारखंड विधानसभा चुनाव में सबकी नजर राज्य के कई विधानसभा क्षेत्रों पर है. जमशेदपुर लोकसभा के अंतर्गत आने वाले छह विधानसभा क्षेत्रों में जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है. पिछले 40 सालों से इस विधानसभा में बीजेपी के विधायक रहे हैं. 2019 में निर्दलीय उम्मीदवार सरयू राय ने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराया था. जिसके बाद इस बार रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास साहू इस सीट से भाजपा की उम्मीदवार हैं. ईटीवी भारत संवाददाता ने पूर्णिमा दास साहू से खास बातचीत की.
गौरतलब हो कि पूर्णिमा दास को टिकट मिलने पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने नाराजगी भी जताई, लेकिन पूर्णिमा दास ने सभी से मिलकर और उनका आशीर्वाद लेकर चुनाव प्रचार में उतर गई हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान पूर्णिमा दास ने कहा कि मैं पहले पत्रकार थी और लोगों का दुख-दर्द समझती रही. जमशेदपुर में शादी के बाद मुझे राजनीतिक क्षेत्र में कई चीजों को समझने का मौका मिला. मेरे ससुर रघुवर दास लंबे समय तक इस क्षेत्र से विधायक रहे. उन्होंने क्षेत्र की जनता के लिए लगातार विकास कार्य किए हैं.
उन्होंने कहा कि वर्तमान चुनावी माहौल में कई समस्याएं देख रही हूं जिसमें शुद्ध पेयजल एक बड़ी समस्या है. वहीं आधी आबादी पर हो रहे अत्याचार को देखकर केंद्रीय नेतृत्व को लगा कि महिलाएं ही महिलाओं की समस्याओं का समाधान कर सकती हैं और उनकी भावनाओं को समझ सकती हैं. यही वजह है कि झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 12 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.
पूर्णिमा दास ने कहा कि राजनीति में मैं अपने ससुर को अपना आदर्श मानती हूं क्योंकि जिस तरह से उन्होंने अपना पूरा जीवन राजनीति के क्षेत्र को समर्पित कर दिया, वे जनता के सुख-दुख के साथी बने, वहा काफी प्ररेणादायी है. आरोप-प्रत्यारोप पर पूर्णिमा दास ने कहा कि राजनीति में ये होते रहते हैं लेकिन इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि मर्यादा बनी रहे.