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दीपावली के दूसरे दिन लोगों की आंखों में काजल क्यों लगाता है यह शख्स, जानें क्या है पूरा मामला

दीपावली की रात बनाई काजल को माना जाता है पवित्र, रोग प्रतिरोधक गुणों से भरपूर. मान्यता है कि इसको लगाने से आखें रहती हैं स्वस्थ.

tradition of applying kajal on Diwali night is prevalent in Bundelkhand
बुंदेलखंड में दीपावली की रात बनी काजल लगाने की परंपरा (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 1, 2024, 8:37 PM IST

जबलपुर: दीपावली से जुड़ी कई अनूठी परंपराएं हैं. नरसिंहपुर जिले के करेली कस्बे में हरिओम ममार दीपावली की दूसरे दिन लोगों की आंखों में काजल लगाते हैं. वह सैकड़ो लोगों की आंखों में काजल लगाते हैं. दरअसल बुंदेलखंड की पुरानी परंपरा थी कि दीपावली की रात घर में जो काजल बनाया जाता है उसे आंखों में लगाया जाना चाहिए. धीरे-धीरे यह परंपरा खत्म हो रही थी तो हरिओम ने खुद लोगों की आंखों में काजल लगाना शुरू कर दिया.

एक मुख्य बड़े दीपक को पूरी रात के लिए जलाया जाता है और इस दीपक की लौ से काजल बनाया जाता है. दीपक की लौ को ठीक ऊपर किसी बर्तन को ऐसे रखा जाता है कि लौ उस बर्तन को छूती हुई निकलती जाए और इस तरीके से काजल बनकर तैयार हो जाता है.

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मान्यता है कि दीपावली की रात बनाई गई काजल होती है पवित्र

नरसिंहपुर जिले के करेली कस्बे के हरिओम ममार इसी तरह से बहुत सारा काजल बनाते हैं और फिर दीपावली के दूसरे दिन शहर में जाकर सैकड़ो लोगों की आंखों में यह काजल लगाते हैं. हरिओम का कहना है कि दीपावली की रात पवित्र होती है. और इस रात बड़ी पवित्रता और श्रद्धा के साथ दीपक जलाए जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस रात जो काजल बनता है, उसमें पवित्रता के साथ ही रोग प्रतिरोधक गुण आ जाते हैं. बुंदेलखंड की परंपरा में दीपावली की रात इस काजल को सभी लोग अपनी आंखों में लगाते थे. ऐसा माना जाता था कि इसकी वजह से आंखों से जुड़े रोग साल भर परेशान नहीं करते.

धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है काजल लगाने की परंपरा

हरिओम का कहना है कि लेकिन धीरे-धीरे यह परंपरा खत्म होती जा रही है. लोग काजल लगाना पसंद नहीं करते हैं इसीलिए उन्होंने खुद यह बीड़ा उठाया है. वह लोगों से काजल लगवाने के लिए आग्रह करते हैं. जो लोग उनकी बात मान जाते हैं वह उनकी आंखों में काजल लगा देते हैं. हरिओम का कहना है कि उन्होंने जिससे भी आग्रह किया उसने मना नहीं किया.

यूं तो काजल सौंदर्य का एक साधन माना जाता है और आंखों को ज्यादा सुंदर दिखने के लिए काजल का उपयोग महिला और पुरुष दोनों करते रहे हैं. लेकिन अब इसकी जगह आई लाइनर ने ले ली है. यह शोध का विषय है कि काजल का केवल आंखों के सौंदर्य से है या फिर इसमें आंखें को निरोगी रखने का कोई गुण विद्यमान है.

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