लखनऊ:सीएम योगी ने संभल में 46 वर्ष बाद शिव मंदिर मिलने पर कहा है कि इतना प्राचीन मंदिर, बजरंग बली की प्राचीन प्रतिमा व शिवलिंग रातों रात नहीं आया. सवाल उठाया है कि 46 वर्ष पहले जिन दरिंदों ने संभल के अंदर नरसंहार किया था, उन्हें आज तक सजा क्यों नहीं मिली. संभल में जिनकी निर्मम हत्या हुई, उन निर्दोषों का क्या कसूर था. जो भी सच बोलेगा, उसे धमकी दी जाएगी, मुंह बंद कराने का प्रयास होगा. यह लोग कुम्भ के बारे में भी दुष्प्रचार का कुत्सित प्रयास करेंगे. कहा कि संसद में चर्चा संविधान पर हो रही थी और मुद्दा संभल का उठ रहा था. इन्हीं के समय 46 वर्ष पहले संभल में जिस मंदिर को बंद कर दिया गया, वह मंदिर फिर से सबके सामने आ गया और इनकी वास्तविकता को सबके सामने प्रस्तुत कर दिया. सीएम योगी ने ये बातें दिव्य महाकुम्भ-2025 कार्यक्रम में कहीं. इस दौरान योगी ने विपक्षी दलों को घेरा.
भारत की विरासत के लिए बोलने वालों को मिलती है धमकी:सीएम ने इशारों में कांग्रेसियों व विपक्षी दलों पर प्रहार किया. बोले-जो लोग भारत का ठेका लेकर घूमते हैं, डिस्कवरी ऑफ इंडिया को भारत का सबसे प्राचीन ग्रंथ मानते हैं. सीएम ने कहा कि 9 नवंबर 2019 को उच्चतम न्यायालय ने श्रीराम जन्मभूमि से संबंधित फैसला दिया, जिससे विवाद सर्वदा समाप्त हो गया, पर वे लोग आज भी जज को धमकी देते हैं. यह वही लोग हैं, जो संविधान के नाम पर पाखंड कर रहे हैं. राज्यसभा के सभापति (उपराष्ट्रपति) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उनकी आवाज को दबाना चाहते हैं. सभापति ने कर्तव्यों के निर्वहन की बात की और कहा कि सदन चलना चाहिए. जनता से जुड़े मुद्दे सदन में रखे जाने चाहिए. इस पर इन लोगों (विपक्षियों) ने पक्षपात का आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया. निष्पक्ष चुनाव कराने के कारण चुनाव आयोग और सच कहने पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति को कटघरे में खड़ा किया गया. यह लोग उच्च सदन में महाभियोग का प्रस्ताव लेकर आ जाते हैं. यानी सच बोलने और भारत की विरासत की चर्चा करने वाले हर व्यक्ति को यह लोग धौंस-धमकी दिखाएंगे.