शिमला: विधानसभा चुनाव से पहले जिस कांग्रेस में लोगों को 300 यूनिट फ्री बिजली देने की गारंटी दी थी. प्रदेश की सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में बनी कांग्रेस की सरकार ने बिजली सब्सिडी को लेकर नई शर्तें जोड़ी हैं.
वहीं, विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विधायक केवल सिंह पठानिया ने सरकार से सवाल पूछा था कि, 'सरकार को मुफ्त बिजली की सुविधा बन्द करने से कितनी आय प्राप्त होगी. सरकार इस आय को कहां-कहां खर्च करने का विचार रखती है. दूसरा सवाल तीन सालों में मुफ्त बिजली से सरकार को होने वाले नुकसान का आंकड़ा मांगा गया था?'
मुफ्त बिजली की सुविधा बन्द करने से प्राप्त होने वाली आय को लेकर सरकार ने कहा कि, 'यह विषय अभी नीतिगत निर्णय के लिए विचाराधीन है. यह बहुआयामी एवं पेचीदा विषय है, जिसके सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद निर्णय लिया जाएगा. दूसरे सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि वर्तमान में घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक बिजली प्रयोग करने पर शून्य बिल दिया गया. यह निर्णय 1.4.2022 से लागू है. शून्य मूल्य पर दी जा रही बिजली की कुल कीमत 1247.75 करोड़ रूपये है. इसके एवज में सरकार हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड को रोल बैक सब्सिडी (Roll Back Subsidy) प्रदान करती है. गत तीन सालों 2022-23, 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 में जून तक 1247.75 करोड़ रूपये की सब्सिडी का आकलन किया गया है.
वर्ष | अनुदान राशि (करोड़ों में) |
2022-2023 | 460.53 |
2023-2024 | 597.21 |
2024-2025 | 190.01 |
कुल | 1247.75 |
300 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च होने पर सब्सिडी बंद