उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

त्रियुगीनारायण के बाद ओंकारेश्वर भी बना वेडिंग डेस्टिनेशन, दिल्ली के जोड़े ने लिये सात फेरे - Omkareshwar Temple Wedding

Omkareshwar Temple Wedding, Omkareshwar Temple Wedding Destination त्रियुगीनारायण के बाद अब ओंकारेश्वर मन्दिर भी वेडिंग डेस्टिनेशन बनने लगा है. ओंकारेश्वर मन्दिर में आज दिल्ली निवासी जोड़े की शादी संपन्न हुई. दिल्ली के युवक ने उषा-अनिरूद्ध विवाह मंडप में सात फेरे लिये.

Etv Bharat
त्रियुगीनारायण के बाद ओंकारेश्वर भी बना वेडिंग डेस्टिनेशन

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 18, 2024, 6:41 PM IST

Updated : Apr 18, 2024, 8:56 PM IST

त्रियुगीनारायण के बाद ओंकारेश्वर भी बना वेडिंग डेस्टिनेशन

रुद्रप्रयाग: बाबा केदारनाथ का शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर व द्वापर युग में उषा अनिरुद्ध की शादी का विवाह मंडप धीरे-धीरे वैदिक विवाह स्थल के रूप में विकसित होने लगा है.गुरुवार को रोहिणी दिल्ली निवासी लखन चंदेला (44) तथा संगीता सिंह (41) ने ओंकारेश्वर मन्दिर पहुंचकर पूजा-अर्चना कर उषा अनिरुद्ध के विवाह मंडप में सात फेरे लिए. विवाह संबंधी रस्मों, पूजा-पाठ का कार्य मंदिर समिति के आचार्यगणों ने संपंन करवाया, जबकि स्थानीय महिलाओं एवं महिला मंगल दल ने मंगल गान का आयोजन कर नवविवाहित जोड़े को शुभकामनाएं दी.

ओंकारेश्वर मंदिर में हुई शादी

इस दौरान स्थानीय बाजीगरों ने ढोल-दमाऊ की थाप से जागरों का गायन किया. मन्दिर समिति के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया बारात ऊखीमठ के एक निजी होटल से ओंकारेश्वर मन्दिर पहुंची. विवाह बडे़ धूमधाम से संपंन हुआ. रोहिणी दिल्ली निवासी लखन चंदेला ने बताया उनके परिजन पिछले वर्ष केदारनाथ यात्रा पर आए थे. परिजनों ने बाबा केदारनाथ की यात्रा के साथ ही ओंकारेश्वर मंदिर के भी दर्शन किए. उन्हें मंदिर के पुजारियों ने भगवान कृष्ण के पोते अनिरूद्ध एवं बाणासुर पुत्री उषा के विवाह मंडप एवं ओंकारेश्वर मंदिर के महात्म्य की जानकारी मिली. इसी विवाह मंडप में विवाह कराने का संकल्प किया. विवाह संपंन कराने के लिए बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति से संपर्क किया. उन्होंने बताया विवाह कार्यक्रम को संपंन कराने में मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह एवं कार्याधिकारी आरसी तिवारी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान ने सहयोग प्रदान किया. जिसके लिए उन्होंने मंदिर समिति का आभार व्यक्त किया.

ओंकारेश्वर भी बना वेडिंग डेस्टिनेशन

बता दें द्वापर युग में भगवान कृष्ण के पौत्र व प्रद्युम्न के पुत्र अनिरुद्ध व बाणासुर की पुत्री उषा का विवाह मंडप युगों से दोनों की शादी का साक्ष्य रहा है. वेद पुराणों में वर्णित है कि बाणासुर की पुत्री ऊषा ओंकारेश्वर मन्दिर में शिक्षा ग्रहण करती थी. एक दिन अनिरुद्ध उषा के सपने में आया. उषा ने सपने की बात अपनी सहेली चित्रलेखा से कही. सपने के आधार पर चित्रलेखा ने द्वापर युग के कई राजकुमारों की फोटो का चित्रांकन किया तो अनिरुद्ध का फोटो देखकर उषा ने चित्रलेखा से कहा कि यही मेरे सपनों का राजकुमार है. समय पर अनिरुद्ध को ऊखीमठ पहुंचाया गया. जिसके बाद भगवान श्रीकृष्ण भी अपने पौत्र अनिरुद्ध की ढूंढ-खोज में उखीमठ पहुंचे. जहां बाणासुर से संधि के बाद ओंकारेश्वर मन्दिर परिसर में उषा अनिरुद्ध का विवाह संपंन हुआ. उषा अनिरुद्ध का विवाह मंडप आज भी दोनों की शादी का साक्षी बना है.

ओंकारेश्वर मंदिर बना वेडिंग डेस्टिनेशन

पढे़ं-Valentine Day 2024: लवर्स का 'फाइनल' डेस्टिनेशन बन रहा त्रियुगीनारायण मंदिर, 6 महीने में हुई 40 शादियां, जानिये रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस

Last Updated : Apr 18, 2024, 8:56 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details