चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व सीएम ओपी चौटाला का गुरुवार को गुरुग्राम के अस्पताल में निधन हो गया. उनके निधन पर पूरे हरियाणा में तीन दिनों का राजकीय शोक घोषित किया गया है. ओपी चौटाला एक ऐसे शख्सियत थे, जो शुरू से ही चर्चा में रहे हैं. कई बातें ऐसी थी, जो उनको औरों से खास बनाती है. जैसे अधिकारियों में उनका खौफ, जेल में रहकर परीक्षा देना, लाल मिर्ची से तौबा, याददास्त के धनी, गरीब कार्यकर्ताओं की मदद करने जैसी कई ऐसी बातें हैं, जो आम नहीं थी. आइए आपको हम हरियाणा के पूर्व सीएम ओपी चौटाला से जुड़ी ऐसी खास बातें बताते हैं, जो बहुत कम लोगों को पता है.
जब पहली बार सीएम बने: जब ओपी चौटाला के पिता देवीलाल उप प्रधानमंत्री बनने वाले थे. उस दौरान वो काफी असमंजस में थे कि बड़े बेटे ओपी को सीएम बनाए या छोटे बेटे रणजीत को. काफी सोचने के बाद तय हुआ कि बड़े बेटे ओपी चौटाला को सीएम बनाना है. नवंबर 1989 में देवी लाल ने केंद्र सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया था. उन्होंने अपने बेटे ओम प्रकाश चौटाला को हरियाणा का मुख्यमंत्री चुना. चौटाला के संगठनात्मक कौशल को देखते हुए उन्होंने यह फैसला लिया. ओपी के सीएम बनने के बाद परिवार में दरार भी पड़ी. हालांकि पिता ने ओम प्रकाश चौटाला को काम करने की पूरी आजादी मिले, इसलिए रणजीत सिंह को राज्यसभा भेज दिया.
जबरदस्त थी याददाश्त:ओम प्रकाश चौटाला में एक बात जो सबसे ज्यादा खास थी, वो थी उनकी याददाश्त. उनकी याददाश्त बड़ीगजब की थी. हजारों लोगों के बीच भी वो अपने कार्यकर्ताओं का चेहरा और नाम याद रखते थे. सफर के दौरान वो हमेशा अपने आस-पास बैठे लोगों से पूछते थे कि कहां पहुंच गए. उन्हें जगह का नाम बताने पर, चौटाला याद करते थे कि इस गांव में हमारा इस नाम का पुराना वर्कर रहता है. उसे फोन मिलाओ. उसी समय उस वर्कर को फोन मिलाकर चौटाला उसकी खबर लेते थे.
गरीब कार्यकर्ताओं की करते थे मदद:चौटाला दिल के काफी धनी थे. वो गरीब कार्यकर्ताओं को खोज-खोज कर राजनीति में लाते थे. गरीब कार्यकर्ताओं को वो ऐसे पद पर बिठाते थे, जिसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता था. उन्होंने राजनीति में ऐसे-ऐसे लोगों को टिकट देकर विधायक, सांसद, मंत्री और राज्यसभा सदस्य बनाया, जो सपने में भी सोच नहीं सकते थे कि उनको राजनीति में बड़ा ब्रेक मिलेगा. कई कार्यकर्ता तो नाई, दर्जी और पंचर ठीक करने वाले हुआ करते थे. अगर उनका कोई साथी चुनाव हार जाता तो वो उसे फिर से मौका देते थे.
"चौटाला" गांव को दिलाई खास पहचान: पूर्व सीएम ओपी ने अपने नाम के आगे "चौटाला" जोड़ा. दरअसल उनका जन्म चौटाला गांव में ही हुआ था. अपने नाम के आगे गांव का नाम जोड़कर उन्होंने अपने गांव को राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि दिलाई थी. चौधरी ओमप्रकाश परिवार के पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने अपने नाम के साथ गांव का नाम "चौटाला" जोड़ा था. हालांकि बाद में उनके परिवार के सभी लोगों ने अपने नाम के साथ "चौटाला" लगा लिया था. इससे "चौटाला" गांव को खास पहचान मिली.
अधिकारियों में था उनका खौफ:ओपी चौटाला से अधिकारी थर-थर कांपते थे. दरअसल, एक बार विपक्ष के नेता ने उनपर कटाक्ष किया कि आपके ज्यादातर अधिकारी रात में पार्टियों में जाते हैं, शराब के नशे में होते हैं. आपके शासनकाल में प्रदेश में कानून व्यवस्था राम भरोसे है. ओपी को ये बात लग गई. उन्होंने अगले ही दिन सभी अधिकारियों को सूचित कर दिया कि वो किसी भी समय फोन पर उनसे किसी भी प्रोजेक्ट या घटना के बारे में अपडेट ले सकते हैं. इसके बाद ओपी चौटाला कहीं भी हों, रोजाना रात को जिला उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को फोन कर अपडेट लेना शुरू कर देते थे. यही कारण है कि उनके खौफ से अधिकारी रात में तकिए के नीचे डायरी रखकर सोते थे कि कब सीएम का फोन आ जाए और वो उनसे अपडेट लेने लग जाएं.