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ओडिशा के गवर्नर रघुवर दास ने कहा- सीएम बना तो खुश थे रतन टाटा, बोले मंत्री- व्यक्ति चला जाता है उसका व्यक्तित्व नहीं

रतन टाटा के निधन पर हर तरफ शोक की लहर है. ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास और मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी दुख जताया है.

DEATH OF RATAN TATA
रघुवर दास और बन्ना गुप्ता ने जताया शोक (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 10, 2024, 1:58 PM IST

Updated : Oct 10, 2024, 2:22 PM IST

जमशेदपुरः ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा है कि रतन टाटा गरीबों के मसीहा थे. जब मैं मुख्यमंत्री बना था तब वे काफी खुश हुए थे कि उनकी कंपनी में काम करने वाला एक कर्मी आज मुख्यमंत्री बना है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया है. मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि व्यक्ति जाता है उसका व्यक्तित्व नहीं. रतन टाटा के विचारों से हमें प्रेरणा लेने की जरूरत है.

उद्योग जगत में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाने वाले और टाटा ग्रुप को ऊंचाई के शिखर तक पहुंचने वाले रतन टाटा के निधन पर देशभर में शोक की लहर है. इधर जमशेदपुर दौरे पर आए ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि उनके निधन से मैं काफी मर्माहत हूं. रघुवर दास ने कहा कि आज रतन टाटा का जाना देश ही नहीं औद्योगिक क्षेत्र के लिए बड़ी क्षति है. गुलामी के दिनों में एक चुनौती के साथ उन्होंने टाटा स्टील को आगे बढ़ाने में कोई कमी नहीं की और आज उनकी सोच के कारण टाटा एक ऊंचे मुकाम पर है.

पत्रकारों से बात करते राज्यपाल रघुवर दास (ईटीवी भारत)

उन्होंने बताया कि मोमेंटम झारखंड में रतन टाटा शामिल हुए थे. मैंने उनसे अनुरोध किया था कि झारखंड में कैंसर पीड़ित के लिए एक अस्पताल की जरुरत है और रतन टाटा ने रांची मे कैंसर अस्पताल की नीव रखी थी, लेकिन आज मुझे अफसोस है कि मैं अस्पताल के उद्धघाटन मे शामिल नहीं हो पाया. आपको बता दें कि जमशेदपुर के रहने वाले रघुवर दास 90 के दशक में टाटा स्टील में काम करते थे. 1995 में राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद भी टाटा से उनका गहरा संबध रहा है.

मंत्री ने भी जताया शोक

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया है.उन्होंने कहा कि जमशेदपुर से रतन टाटा का विशेष लगाव था. उनकी सोच मे दूरदर्शिता थी. लोहे का निर्माण करने वाले रतन टाटा सहज निर्मल और सरल सोच वाले इंसान थे. उनकी सोच और दूरदर्शिता से टाटा ग्रुप आज एक ऊंचाई की शिखर पर है. आज ऐसे व्यक्ति का जाना बहुत बड़ी क्षति है. मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि आज उनके निधन पर हमें काफी दुःख है. आज रतन टाटा नहीं हैं, लेकिन उनके विचार से हजारो हजार लोग प्रभावित होकर आत्मसात करेंगे. व्यक्ति चला जाता है लेकिन उसका व्यक्तित्व नहीं जाता.

पत्रकारों से बात करते बन्ना गुप्ता (ईटीवी भारत)

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Last Updated : Oct 10, 2024, 2:22 PM IST

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