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नन ग्रेजुएट सहायक दारोगाओं का होगा प्रमोशन, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला - Promotion to post of Inspector

Hearing In Patna High Court: पटना हाईकोर्ट ने मद्य निषेध विभाग में चल रहे विवाद पर फैसला सुनाया है. मद्यनिषेध विभाग में नन ग्रेजुएट सहायक दारोगाओं को भी दारोगा के पद पर प्रमोशन दिया जाएगा. चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने दायर रिट याचिका को मंजूर कर लिया है.

पटना हाईकोर्ट में सुनवाई
पटना हाईकोर्ट में सुनवाई

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 4, 2024, 8:55 PM IST

पटना:पटना हाईकोर्ट ने मद्यनिषेध विभाग में प्रमोशन को लेकर चल रहे विवाद पर सुनवाई की. कोर्ट ने नन ग्रेजुएट सहायक दारोगाओं को भी दारोगा के पद पर प्रोन्नति देने का मार्ग अपने निर्णय से प्रशस्त कर दिया है. चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने विनोद कुमार प्रसाद एवं आठ सहायक अवर निरीक्षक(मद्य निषेध) की ओर से दायर रिट याचिका को मंजूर कर लिया. पटना कोर्ट ने राज्य सरकार को यह आदेश दिया कि वैसे सहायक दारोगा जो स्नातक नहीं हैं. उन्हें वरीयता-सह-योग्यता के सिद्धांत पर विधिवत तरीके से दारोगा बनाया जाए.

दारोगाओं के प्रोन्नति पर सुनवाई: रिट याचिका से 2017 में बने कानून, बिहार मद्य निषेध अधिनस्थ सेवा नियमावली के नियम 11(4) के उस प्रावधान को कानूनी चुनौती दी गई थी. इसके तहत मद्य निषेध पुलिस बल सहायक दरोगा को दारोगा के पद पर प्रोन्नति हेतु स्नातक होना जरूरी था. कोर्ट ने अपने निर्णय से इस नियम 11(4) को निरस्त करते हुए रिट याचिकाकर्ताओं एवं उनके संवर्गीय सहायक दारोगाओं के प्रोन्नति का मार्ग प्रशस्त किया.

आयोग के नए अध्यक्ष की नियुक्ति पर रोक:राज्य अनुसूचित जाति व जनजाति आयोग के अध्यक्ष को हटाए जाने के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की. आयोग के हटाए गये अध्यक्ष राजेंद्र कुमार की रिट याचिका जस्टिस संदीप कुमार ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाब दायर करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग के नये अध्यक्ष की नियुक्ति पर फिलहाल रोक लगा दी.

अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद की जाएगी:राज्य सरकार में परिवर्तन होने के बाद आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार को 2 फरवरी 2024 को पद से हटा दिया गया. इस मामलें पर अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद की जाएगी. पटना हाईकोर्ट को राज्य सरकार को ओर से जानकारी दी गयी कि राज्य के 35 अलग अलग जिलों में विद्युत शवदाह गृह बनाए जाएंगे। कोर्ट को बुडको के प्रबंध निदेशक की ओर से बताया गया।ये जनहित याचिका मुकेश रंजन ने दायर की थी.

207 करोड़ रुपये की लागत से बनेगी शवगृह:मुकेश कुमार की जनहित याचिका में राज्य के हर जिले में विद्युत शव दाह गृह निर्माण और बेकार पड़े शवगृहों कार्यरत बनाने की मांग की गयी थी. फिलहाल ये सभी शवदाहगृह 35 जिलों के मुख्यालय शहर में बनेंगे. इन पर 207 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इन्हें मोक्षधाम परियोजना के रूप में जाना जाएगा. चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने यह आशा जताते हुए कि ये सभी निर्माण जल्द से जल्द पूरे होंगे. इस जनहित याचिका को निष्पादित कर दिया.

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