अररिया: बिहार के अररिया नगर परिषद क्षेत्र में पिछले कई सालों से स्थाई बस स्टैड बनाने की मांग की जा रही है. यहां के लोग आक्रोशित होकर कई बार प्रदर्शन भी कर चुके है. लेकिन अब तक यात्रियों और स्थानीय लोगों को हो रही परेशानी पर सरकार की नजर नहीं पड़ी है.
एनएच 57 पर हर दिन लगता जाम: आज भी एनएच 57 पर ही बसें लगती है. बस चालकों ने इसे भी स्टैंड बना दिया है, जिसके कारण यहां प्रतिदिन जाम लगता है. जबकि इस स्टैंड से लोकल वाहन ही नहीं बल्कि दूसरे प्रांतों को जाने वाली बसें यहां से रोजाना जाती और आती है. इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां से जाने वाले यात्रियों की संख्या कितनी हो सकती है. लेकिन शहर का एकमात्र बस स्टैंड सड़क पर यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
अररिया नगर परिषद द्वार हर दिन वसूला जाता टैक्स कई राज्यों के लिए खुलती है बसें:इस बस स्टैंड से बिहार के दूसरे जिलों के साथ बिहार की राजधानी पटना, उत्तर प्रदेश, गोरखपुर, मेरठ के साथ पंजाब, हरियाणा, दिल्ली की बसें यहां से रोजाना खुलती है. लेकिन उन यात्रियों के लिए यहां कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है.
34 साल बाद भी नहीं मिली सुविधा: बता दें कि अररिया को जिले का दर्जा 1990 में मिला था. तब से ही यह जिला आज भी कई बुनियादी असुविधाओं से जूझ रहा है. यहां अररिया शहर के नजदीक जीरो माइल पर एक बस स्टैंड पहले से मौजूद है. जिस पर नगर परिषद का कोई नियंत्रण नहीं है.
सुविधाओं की यहां कोई जगह ही नहीं:ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण इस पर जिला परिषद का मालिकाना हक है. लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी नगर परिषद द्वारा बस स्टैंड की व्यवस्था नहीं की जा सकी. इस स्टैंड पर यात्री वाहन रुकती तो है, लेकिन यहां यात्रियों के न तो बैठने की ना ही उनके अन्य सुविधाओं की यहां कोई जगह ही नहीं है.
बारिश में डेढ़ फीट पानी जमा हो जाता: बस स्टैंड कर्मियों ने बताया कि ये बस स्टैंड असुविधाओं से भरा हुआ है. जहां बारिश के दिनों में सड़क पर एक से डेढ़ फीट पानी जमा हो जाता है. जिससे खड़ी बसों में यात्रियों को चढ़ने उतारने में काफी दिक्कतें आती है. जल निकासी का कोई भी बंदोबस्त नगर परिषद द्वारा नहीं किया गया है. जिस कारण बस स्टैंड में यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
स्थायी शौचालय की व्यवस्था तक नहीं:यात्रियों ने बताया कि इस बस स्टैंड से नगर परिषद बस से 150 रुपया और ऑटो से 10 रुपया हर ट्रिप पर लेता है. जिसे अच्छी खासी आमदनी नगर परिषद को हो रही है. लेकिन नगर परिषद ने बस स्टैंड पर न तो स्थायी शौचालय की व्यवस्था की है ना ही पीने की पानी की व्यवस्था की है. यहां यात्रीयों के बैठने की जगह नहीं होने के कारण वे सड़क पर यूं ही खड़े रहते हैं. जब तक उन्हें उनकी सवारी ना मिल जाये.
दुकानदारों को भी हो रही परेशानी: सभी ने बताया कि इसकी शिकायत कई बार नगर परिषद से की गई है. उन्हें बार-बार कहा गया है कि कम से कम यहां एक शौचालय और बैठने की व्यवस्था की जाए. लेकिन आज तक इस दिशा में काम नहीं हुआ. इस कारण यहां यात्रियों के साथ दुकानदारों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. अगर नगर परिषद थोड़ा भी इस ओर ध्यान दें तो स्टैंड में लोगों को सुविधा मिल जाएगी.
नगर परिषद की पूरे क्षेत्र में कहीं भी अपनी जमीन नहीं है. इसलिए ये परेशानी हो रही है. जहां बसें खड़ी होती है उसके ठीक पूरब में सिंचाई विभाग की जमीन है हमलोगों की उनसे बात चल रही है. अगर सिंचाई विभाग जमीन दे देता है तो वहां एक सुंदर बस स्टैंड का निर्माण कराया जाएगा. - विजय कुमार मिश्रा, नगर परिषद
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